नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बीमार पड़ गए हैं। केजरीवाल को करीब 102 डिग्री बुखार के साथ-साथ सर्दी-खांसी और डायरिया की भी शिकायत है। डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। बीमार पड़ने पर केजरीवाल ने कहा कि भगवान ने बहुत गलत समय पर उन्हें बीमार किया है। वे आज दफ्तर नहीं जा रहे हैं, जबकि आज दफ्तर जाना बहुत जरूरी था।
गौरतलब है कि चुनाव से लेकर सरकार बनने तक केजरीवाल को काफी भागमभाग करनी पड़ी थी और सरकार बनाने के पूर्व के जद्दोजहद और तैयारियों के समय भी उन्हें खांसी से ग्रस्त देखा गया था। मीडिया से मुखातिब होते समय उन्हें कई बार खांसी भी आ जाती थी। फिलहाल दिल्ली में ठंड काफी बढ़ गई है, जो सबको कंपा रही है, तो मुख्यमंत्री भी इससे अछूते नहीं रहे और उन्हें भी सर्दी-बुखार के साथ डायरिया हो गया है।
उधर, दूसरी तरफ अनधिकृत कॉलोनियों पर आज बड़ा फैसला होने की संभावना है। कैबिनेट मंत्री मनीष सिसोदिया ने सभी विभागों की बैठक बुलाई है। इसके साथ ही शिक्षा पर भी बड़ा फैसला जल्द लिया जा सकता है। यही नहीं, मनीष सिसोदियो तो आज कर्मचारियों के दफ्तर पहुंचने से पहले ही पहुंच गए।
इसके अलावा आज आम आदमी पार्टी (आप) की प्रमुख घोषणाओं में से एक दिल्ली के हर परिवार को प्रतिदिन 700 लीटर मुफ्त पानी देने की घोषणा हो सकती है, लेकिन केजरीवाल के बीमार होने के कारण इस घोषणा पर संशय बरकरार है। केजरीवाल ने इसके लिए जल बोर्ड की बैठक भी बुलाई है, लेकिन अब देखना यह है कि यह बैठक आज हो पाती है या नहीं। वहीं, सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी में भी यह बैठक हो सकती है।
बोर्ड की ओर से बैठक का नोटिस रविवार शाम तक जल बोर्ड के सभी सदस्यों को भेज दिया गया है। हालांकि नोटिस के साथ कोई एजेंडा नहीं भेजा गया है, लेकिन जल बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि सोमवार को होने वाली बैठक में 700 लीटर पानी मुफ्त देने की घोषणा कर दी जाएगी।
शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समक्ष जल बोर्ड की ओर से कुछ आंकड़े रखे गए थे, जिसमें अधिकारियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि 700 लीटर मुफ्त पानी देने से जल बोर्ड को नुकसान होगा। लेकिन मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि वह पहले ही कार्ययोजना तैयार कर चुके हैं और जानते हैं कि इससे कितना नुकसान होगा। बताया जाता है कि इसी के चलते उन्होंने जल बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवाश्री मुखर्जी का तबादला करने के आदेश दिए।
जल बोर्ड के तीन सदस्यों को रविवार को पता चला कि वे जल बोर्ड के सदस्य हैं। हालांकि इन सदस्यों का मनोनयन जून में हो गया था, लेकिन दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग ने ये पत्र जल बोर्ड को नहीं भेजे थे। नई सरकार के आने के बाद शनिवार देर शाम ये पत्र जारी किए गए और रविवार को सदस्यों को ये पत्र मिले। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के भाजपा पार्षद पंकज सिंह ने बताया कि उन्हें रविवार को बोर्ड का सदस्य मनोनीत किए जाने की सूचना मिली। उसके कुछ देर बाद ही सोमवार को होने वाली बोर्ड बैठक की भी सूचना मिली। उनके अलावा निगम पार्षद मीरा अग्रवाल और जय गोपाल को भी बोर्ड का सदस्य मनोनीत किया गया है।
जल बोर्ड के 16 दिसंबर, 2009 के आदेश के मुताबिक हर साल एक जनवरी से पानी की दरों में दस फीसद की वृद्धि हो जाएगी, इस वृद्धि के लिए बोर्ड को अपने सदस्यों से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। इस आदेश के कारण ही तीन साल से पानी की दरें बढ़ रही हैं। हालांकि इस साल पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निर्देश के कारण यह वृद्धि नहीं हुई, परंतु सोमवार को हो रही जल बोर्ड की बैठक में इस पर भी कोई निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि, बोर्ड सूत्रों के अनुसार शनिवार को अधिकारियों ने इस फैसले के बारे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोई जानकारी नहीं दी। बावजूद इसके आप के घोषणा पत्र में इस वृद्धि को समाप्त करने का वादा किया गया था, इसलिए ऐसा अनुमान है कि सोमवार को इस वृद्धि को वापस लिया जा सकता है।
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