पुलिस के अनुसार, जगलिया भील का मुर्गा घर से निकलकर दालान में दाना चुग रहा था। इसी दौरान उसके छोटे भाई ज्ञानसिंह भील की मुर्गी भी बाहर आ गई। मुर्गी को देख मुर्गा इश्क फरमाने उसके पास जा पहुंचा। मुर्गे को अपनी मुर्गी के साथ चोंच लड़ाना ज्ञानसिंह को बेहद नागवार गुजरा। वह घर के अंदर से धनुष-तीर लेकर आया और मुर्गे पर तीर से वार कर दिया। तीर मुर्गे के शरीर के आर-पार हो गया।
मुर्गा मालिक जगलिया भील को जब यह पता चला तो वह हैरान रह गया। वह तुरंत अपने घायल मुर्गे को लेकर पुलिस थाने जा पहुंचा। पुलिस ने मुर्गे को पशु चिकित्सालय भेजा। डॉक्टरों ने तीर निकालने से पहले मुर्गे की हालत में सुधार होने का इंतजार किया। उनका कहना था कि अगर तीर तुरंत शरीर से निकाल दिया जाता तो अधिक मात्रा में खून बहने से मुर्गे की मौत हो जाती।
फिलहाल, प्राथमिक उपचार के बाद मुर्गा स्वास्थ्य लाभ ले रहा है। थाना प्रभारी आशाराम वर्मा ने बताया कि आरोपी ज्ञानसिंह भील के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है।
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