लखनऊ [जेएनएन]। सूबे के आगरा, अलीगढ़, कासगंज, बरेली, बदायूं, बिजनौर, शाहजहांपुर, मैनपुरी और फीरोजाबाद में बुधवार को साढ़े पांच हजार से अधिक लोगों ने ईसाई धर्म को अलविदा कहते हुए हिंदू धर्म में वापसी की। सबसे ज्यादा धर्मातरण अलीगढ़ में हुए, जहां दो हजार लोगों ने हिंदू बने। सभी जगहों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषांगिक संगठन धर्म जागरण समिति ने क्रिसमस के दिन इन सभी का शुद्धिकरण और वैदिक मंत्रों से यज्ञ-अनुष्ठान कराकर हिंदू धर्म ग्रहण कराया। हिंदू धर्म ग्रहण करने वाले लोगों में ज्यादातर का कहना था कि उन्होंने कुछ प्रलोभनों में आकर ईसाई धर्म अपना लिया था। शाहजहांपुर में सात मुस्लिमों ने भी हिंदू धर्म अपनाया। बिजनौर में धर्मातरण की जानकारी मिलने पर प्रशासन ने पूरे मामले की जांच कराने की बात कही है।
अलीगढ़ में बरसों पहले हिंदू धर्म को छोड़कर ईसाई बने 500 परिवार के करीब दो हजार लोग बुधवार को फिर अपने धर्म में लौटे। महाऊरु पूर्व माध्यमिक विद्यालय में इन परिवारों की हिंदू धर्म में विधि विधान से वापसी कराई गई। धर्म परिवर्तन करने वाले लोग बिचौली, अहमदपुर, बहमती, बड़ागांव, अकराबाद, केशोपुर जाफरी, भीमपुर, असनेता, मीर की नगरिया, अमरपुर कोटला, जलूपुर सिहौर, ईशनपुर, कमालपुर, परौरी, पड़ियावली, मईनाथ, मनोहरपुर, भरतुआ आदि गांवों के हैं। समारोह में भाजपा नेताओं का जमघट लगा रहा।
आगरा, कासगंज तथा फीरोजाबाद के पांच सौ से अधिक परिवार (करीब 1600 लोग) ईसाई धर्म को छोड़कर फिर हिंदू बन गए। मैनपुरी के 18 गांवों के 206 लोगों और आगरा में 50 वाल्मीकि परिवारों ने हिंदू धर्म में वापसी की। आगरा में हुए कार्यक्रम में मेयर इंद्रजीत आर्य भी मौजूद थे। कासगंज के सरस्वती विद्या मंदिर में हुए समारोह में साढ़े तीन सौ परिवार (करीब एक हजार लोग) और फीरोजाबाद में 66 परिवारों (200 लोगों) ने ईसाइयत का त्याग कर हिंदू धर्म में फिर से आस्था जताई। कार्यक्रमों में आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल हिंदूवादी संगठनों के नेता मौजूद रहे।
बरेली में छह सौ लोगों ने हिंदू धर्म अंगीकार किया। आर्य समाजी स्वामी यशस्वी आर्य ने इन पर गंगाजल छिड़का और जनेऊ पहनाया। मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ में आहूति डालकर इनकी हिंदू धर्म में वापसी हुई। बदायूं में द्रौपदी देवी इंटर कॉलेज परिसर में धर्म रक्षा यज्ञ एवं घर वापसी कार्यक्रम तके धर्मातरण कर ईसाई बने दो सौ बीस परिवारों के 918 लोगों को हिंदू धर्म ग्रहण कराया। इनमें ज्यादातर लोग वाल्मीकि जाति के हैं।
दूसरी ओर शाहजहांपुर के मदनापुर गांव के रामलीला मैदान में श्रीमद्भागवत कथा एवं धर्मरक्षा यज्ञ के अंतिम दिन मुस्लिमों समेत 25 लोगों ने स्वेच्छा से सनातन हिंदू धर्म अपना लिया। इनमें तीन मुस्लिम पुरुष और चार महिलाएं हैं। बिजनौर के रेहड़ में 80 परिवारों के चार सौ लोगों को पुन: हिंदू धर्म ग्रहण कराया गया। जनता इंटर कॉलेज मोहम्मदपुर राजौरी के प्रांगण में भव्य कार्यक्रम आयोजित कर धर्म जागरण समन्वय विभाग ने इनकी घर वापसी कराई। इस मामले पर धामपुर के एसडीएम संजय सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में आ चुका है। इसकी जांच कराई जाएगी कि प्रलोभन या दबाव में तो धर्म परिवर्तन नहीं कराया गया है। हालांकि संविधान में स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन का अधिकार है।
Source : Top Hindi News
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