Thursday, 26 December 2013

It seems as if Team India is playing at home says Shastri




भारत पहले दिन पूरी तरह हावी रहा। यह ऐसा था जैसे टीम इंडिया घर में मैच खेल रही हो। बल्लेबाजों का रवैया सकारात्मक रहा और अब उनका ध्यान सिर्फ एक बार ही बल्लेबाजी करने का होगा। 

गर्म मौसम और पहले दिन की धीमी विकेट पर भारत ने महत्वपूर्ण टॉस जीता। प्रभावशाली लग रहे शिखर धवन के पहले सत्र में आउट होने के बावजूद भारतीय ओपनरों ने च्च्छी शुरुआत की। धवन के आउट होने के बाद मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा ने जिम्मेदारी संभाली। चायकाल तक दक्षिण अफ्रीकी टीम पूरी तरह बैकफुट पर थी। ऐसा नहीं है कि दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने च्च्छी गेंदबाजी नहीं की। खासतौर पर स्टेन और मोर्केल ने तो सुबह लाजवाब स्पेल फेंका। ऐसा लग रहा था जैसे उन्होंने वांडरर्स पर की गई अपनी गलतियों से सबक सीखा है। यही वजह रही कि उन्होंने स्टंप पर अधिक गेंदें फेंकी। बीच के ओवरों में उन्हें रिवर्स स्विंग भी हासिल हुई। मगर बावजूद इसके युवा भारतीय बल्लेबाज चट्टान की तरह अडिग रहे। मेजबान टीम धीरे-धीरे गेंद और बल्ले की इस जंग में पिछड़ती चली गई। 

यह टेस्ट एक की बजाय कई कारणों से बेहद महत्वपूर्ण है। यह मैच इस खेल के महान खिलाड़ियों में से एक जैक कैलिस का आखिरी टेस्ट है। वहीं भारत इसे जीतकर दक्षिण अफ्रीका में अपनी पहली सीरीज जीत पर निगाहें टिकाए है। किंग्समीड की पिच भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के एकदम मुफीद है, जो रिवर्स स्विंग और स्पिन पर निर्भर है। पहली पारी में बड़ा स्कोर भारत को लक्ष्य हासिल करने में मदद कर सकता है। विजय पिछले एक हफ्ते के समय में अधिक परिपक्व हुए हैं। वांडरर्स में दूसरी पारी में उनकी बल्लेबाजी ने दिखाया कि वह लय में लौट रहे हैं। यहां भी उन्होंने अधिकतर शॉट सीधे बल्ले से खेले। उन्होंने विकेट के दोनों ओर सहजता से ड्राइव लगाए। कुछ शॉट तो वाकई कमाल के थे। ब्रेक के समय वह विदेश में अपने पहले शतक की ओर मजबूती से बढ़ रहे थे।
पुजारा अब वाकई भरोसेमंद हैं। उन्होंने एक और शानदार अर्धशतक लगाया और फिर बड़े स्कोर की ओर बढ़ रहे हैं। घरेलू टीम के लिए यह स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं है। विशेषकर यह देखते हुए कि रनों के लिए भूखे कई बल्लेबाज अभी भारतीय ड्रेसिंग रूम में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
(टीसीएम)

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