मुंबई। भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे के पिता और पूर्व आइएएस उत्तम खोबरागडे राजनीति में उतरने का मन बना रहे हैं। वह अगले साल लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं।
इसकी पुष्टि करते हुए खोबरागडे ने कहा कि राजनीति में प्रवेश को लेकर महाराष्ट्र में कुछ राजनीतिक पार्टियों से उनकी बातचीत चल रही है। दलित खोबरागडे ने कहा कि मेरा संघर्ष देवयानी के खिलाफ हुए अन्याय को लेकर जारी रहेगा। 1984 बैच के पूर्व आइएएस अधिकारी खोबरागडे की पहली तैनाती महाराष्ट्र में खाद्य एवं औषधि प्रशासन [एफडीए] के प्रमुख के तौर पर हुई थी। वह 2003 में बतौर एफडीए कमिश्नर नकली दवाओं पर बनी माशलेकर समिति के सदस्य भी रहे। इस दौरान उन्होंने कई दवा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की, लेकिन 2004 में वह महाराष्ट्र आवास व क्षेत्र विकास प्राधिकरण [एमएचएडीए] प्रमुख बनने के बाद जमीन आवंटन को लेकर विवादों में फंस गए। हालांकि खोबरागडे के साथ सबसे बड़ा विवाद आदर्श सोसाइटी घोटाले से जुड़ा है। मुंबई की बेस्ट [बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति और परिवहन] ने कोलाबा स्थित अपनी जमीन का कुछ हिस्सा आदर्श सोसाइटी को दिया। इसके बाद खोबरागडे की बेटी देवयानी इस सोसाइटी की सदस्य बनीं। संयोग की बात यह है कि यह तब हुआ जब उनके पिता बेस्ट के महाप्रबंधक थे। उस समय उन्हें इस मोर्चे पर कई सवालों का सामना करना पड़ा। हालांकि बाद में आदर्श जांच अधिकारियों से खोबरागडे ने कहा कि आदर्श को जमीन देने का फैसला उनके बेस्ट प्रमुख बनने से पहले लिया गया था।
कौन हैं देवयानी के पति
देवयानी खोबरागडे ने न्यूयॉर्क में जन्मे भारतीय मूल के आकाश सिंह राठौर से शादी की है। वह दर्शनशास्त्र [फिलॉसिफी] के प्रोफेसर हैं। वह भारतीय वाइन उद्योग के विशेषज्ञ हैं। राठौर का बचपन मिशिगन में गुजरा। यहां उनके माता पिता वाइन बनाने की छोटी सी फैक्ट्री चलाते थे। 2006 में 'द कंपलीट इंडियन वाइन गाइड' शीर्षक से उन्होंने किताब भी लिखी। 42 वर्षीय राठौर अगले साल रटगर्स यूनिवर्सिटी में पढ़ाएंगे। वह एक अपार्टमेंट के मालिक हैं जबकि यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया के नए कोर्स 'फिलासफी ऑफ वाइन' पर काम कर रहे हैं।
कौन हैं देवयानी के पति देवयानी खोबरागडे ने न्यूयॉर्क में जन्मे भारतीय मूल के आकाश सिंह राठौर से शादी की है। वह दर्शनशास्त्र (फिलॉसिफी) के प्रोफेसर हैं। वह भारतीय वाइन उद्योग के विशेषज्ञ हैं। राठौर का बचपन मिशिगन में गुजरा। यहां उनके माता पिता वाइन बनाने की छोटी सी फैक्ट्री चलाते थे। 2006 में 'द कंपलीट इंडियन वाइन गाइड' शीर्षक से उन्होंने किताब भी लिखी। 42 वर्षीय राठौर इस वर्ष रटगर्स यूनिवर्सिटी में पढ़ाएंगे। वह एक अपार्टमेंट के मालिक हैं जबकि यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया के नए कोर्स 'फिलासफी ऑफ वाइन' पर काम कर रहे हैं।
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