मेलबर्न। क्रिसमस मनाने के बाद एक बार फिर चिर प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड गुरुवार से एशेज सीरीज के चौथे टेस्ट में आमने-सामने होंगे। मेलबर्न में होने वाले इस चौथे टेस्ट में यूं तो 3-0 से अजेय बढ़त बनाने वाली कंगारू टीम ही प्रबल दावेदार नजर आ रही है, लेकिन इंग्लैंड के पास अब खोने के लिए कुछ नहीं बचा, लेकिन हां, वो बाकी बचे दो मुकाबले जीतकर कम से कम अपने फैंस को कुछ राहत जरूर देने की कोशिश करेंगे।
एक साल में दो एशेज सीरीज और स्थिति व नतीजे कुछ ही महीनों के अंदर पूरी तरह से उलट-पुलट हो गए। गर्मियों में जब कंगारू इंग्लैंड पहुंचे तो उनको इंग्लैंड ने बुरी तरह धो डाला और लगातार तीसरी बार एशेज अर्न अपने पास रखी और थकी हारी से दिखने वाली कंगारू टीम ने जब हॉट फेवरेट इंग्लिश टीम को सर्दियों में अपने घर में एशेज के लिए स्वागत किया तो इंग्लिश टीम की कंपकपी छूट गई। ऑस्ट्रेलिया ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अपने पुराने रुतबे व तेवर को फिर दिखाया और क्रिकेट विशेषज्ञों व आलोचनाओं की सारी गणित को गलत साबित करते हुए इंग्लिश टीम को शुरू के तीनों टेस्ट मैचों में रौंद डाला, और रौंदा भी गजब अंदाज में, जहां उनके बल्लेबाज भी चले और गेंदबाज भी, जो लय में नहीं था, वो भी लय में लौटा, और जो लय में था, वो और आक्रामक होता दिखा।
इंग्लैंड की टीम जब मेलबर्न में चौथा टेस्ट खेलने उतरेगी तब उसका लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ यही होगा कि वो किसी तरह बाकी बचे दोनों मुकाबले जीत जाए ताकि देश वापसी में फैंस को मुंह दिखाया जा सके, वहीं दूसरी तरफ कंगारुओं की बदले की भावना अभी भी शांत नहीं हुई होगी क्योंकि लगातार तीन एशेज गंवाने के बाद लय में लौटना उनके लिए वरदान जैसा ही है। इंग्लैंड के सामने सबसे बड़ी मुश्किल होगी उसके दो अहम खिलाड़ियों का अचानक गायब हो जाना। एक तरफ जहां जॉनाथन ट्रॉट मानसिक तनाव के कारण स्वदेश लौट गए, तो दूसरी तरफ तीसरे टेस्ट के बाद मुख्य स्पिनर ग्रीम स्वान ने सबको हैरान-परेशान करते हुए अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
जाहिर तौर पर मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया का टॉप ऑर्डर एक बार फिर इंग्लिश गेंदबाजों के निशाने पर होगा लेकिन जब इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज जेम्स एंडरसन ही अब तक फ्लॉप साबित होते दिख रहे हों, ऐसे में किसी और गेंदबाज से कप्तान कैसे ज्यादा उम्मीदें रखे। वहीं, कंगारू टीम में उनके मुख्य गेंदबाज मिचेल जॉनसन ही नहीं, रेयान हैरिस, शेन वॉटसन और पीटर सिडल जैसे गेंदबाज भी कहर ढा रहे हैं। इंग्लैंड को मेलबर्न में ना सिर्फ अपनी गेंदबाजी को व्यवस्थित करना होगा बल्कि अपने टॉप व मिडिल ऑर्डर को भी दुरुस्त करना होगा। कुल मिलाकर अब तक चारों खाने चित होने वाली इंग्लिश टीम को ये साबित करना होगा कि उनकी टीम पूरी तरह ढली नहीं है, जबकि कंगारू क्लीन स्वीप की तरफ एक और कदम बढ़ाने के लिए उतरेंगे।
Source : Cricket News
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