Monday, 2 December 2013

Lucknow mahotsav on his last end

Lucknow mahotsav
राज्यपाल ने किया लखनऊ महोत्सव का औपचारिक समापन
लखनऊ। लखनऊ महोत्सव की दसवीं शाम खासी रंगीन और गहमागहमी से भरी रही। सोमवार को भी यहां रविवार जैसी ही रंगत थी। सांस्कृतिक संध्या से पहले राज्यपाल के परंपरागत समापन संबोधन के लिए एक तरफ सरकारी अमला पंडाल में जमा था तो वहीं से कुछ दूर गेट के पास रंगारंग आतिशबाजी का लुत्फ ले रहे नागरिकों के चेहरों पर उत्सव का उल्लास चमक रहा था।
शाम 6:35 बजे जैसे ही राज्यपाल बीएल जोशी महोत्सव के सांस्कृतिक पंडाल में पहुंचे, दस दिवसीय समारोह के औपचारिक समापन की शुरुआत हो गई। दीप प्रज्ज्वलन व स्मृति चिह्न भेंट करने की रस्म अदायगी के बाद राज्यपाल ने लखनऊ को लाजवाब और अद्वितीय शहर बताया। विद्यार्थी जीवन की यादों में लौटते हुए उन्होंने कहा कि जब वे यहां पहली बार आए थे, तब भूलभुलैया गए थे और वहां खो भी गए थे। राज्यपाल ने कहा कि लखनऊ महोत्सव टूरिस्ट मैप पर स्थान बना रहा है। हर वर्ष इसमें कुछ नया हो रहा है। 'जश्न-ए-विरासत' की थीम पर आयोजित समारोह के बाद राज्यपाल ने ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण को सभी नागरिकों की जिम्मेदारी बताया।
पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने महोत्सव में करीब पांच लाख लोगों की सहभागिता की बदौलत इसे बुलंदी पर पहुंचता बताया। पर्यटन मंत्री ने कमोबेश वही बातें दोहराईं, जो उन्होंने महोत्सव की पहली शाम के उद्घाटन समारोह में कही थीं। गंगा महोत्सव, देव-दीपावली और गंगा दशहरा का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि पर्यटन बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री लगातार प्रयासरत हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अभिषेक मिश्र व मंडलायुक्त संजीव सरन ने आयोजन में शामिल सभी व्यक्तियों का आभार प्रकट किया।
राज्यपाल की सिफारिश : महोत्सव में औपचारिक समापन संध्या पर राज्यपाल बीएल जोशी के संबोधन से ठीक पहले पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने यह कहते हुए तालियां बजाने की अपील की, कि राज्यपाल आपके सामने बैठे हैं। मंत्री ने कहा- राज्यपाल को पता लगना चाहिए कि प्रदेश के लोग स्वस्थ हैं। इसी के तुरंत बाद माइक पर आए राज्यपाल ने मंत्री को तालियों की सिफारिश करने के लिए चुटीले अंदाज में धन्यवाद दिया तो पंडाल तालियों के साथ ठहाके से भी गूंज उठा।
दो दिन बढ़ा महोत्सव : देर रात जिलाधिकारी अनुराग यादव ने लखनऊ महोत्सव को दो दिन और बढ़ाने की जानकारी दी। दोनों दिन महोत्सव में स्टॉल पहले की तरह लगे रहेंगे और शाम को सांस्कृतिक आयोजन भी होंगे। प्रवेश शुल्क भी पूर्ववत लगेगा। मंगलवार की शाम सांस्कृतिक पंडाल में सनी नियाजी व अंकुर गुप्ता का कार्यक्रम होगा, जबकि चार दिसंबर की शाम परमानंद यादव की प्रस्तुति के साथ ही लोग तृष्णा बैंड के संगीत का आनंद ले सकेंगे।

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