बेशक 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स जितने भी सफल रहे हों लेकिन उस दौरान हुए घोटालों व तैयारियों में लेटलतीफी शायद आने वाले कई सालों तक भारत को ताने झेलने पर मजबूर करते रहेंगे। ग्लास्गो में कल हुई कॉमनवेल्थ गेम्स ओपनिंग सेरेमनी से पहले फेडरेशन (सीजीएफ) के शीर्ष अधिकारियों ने ग्लास्गो की तैयारी को लेकर तारीफें तो की लेकिन साथ ही भारत में हुए खेलों का मजाक भी बना डाला।
दरअसल, सीजीएफ ने अपने बयान में 2010 के दिल्ली खेलों को 'सिरदर्द' बताया और ग्लास्गो 2014 के आयोजकों की पीठ थपथपाई। बीसवें कॉमनवेल्थ गेम्स के उदं्घाटन समारोह से कुछ घंटे पहले सीजीएफ अध्यक्ष प्रिंस इमरान टुंकू ने कहा कि तैयारी के मामले में ग्लास्गो अब तक के सर्वश्रेष्ठ खेल रहे। भ्रष्टाचार प्रकरण और निर्माण में देरी से प्रभावित रहे दिल्ली 2010 खेलों का संदर्भ देते हुए टुंकू ने कहा, 'तैयारी के मामले में यह सर्वश्रेष्ठ खेल रहे। मैं काफी खुश हूं, क्योंकि यह अध्यक्ष के रूप में मेरे पहले कार्यकाल में हो रहा है। मुझे उन सिरदर्द का सामना नहीं करना पड़ा जिनका सामना मेरे पूर्ववर्तियों को करना पड़ा था। ग्लास्गो के आयोजक जिस तरह से काम कर रहे थे उससे शुरुआत से ही सीजीएफ का उनमें भरोसा था। उनकी कार्यशैली सटीक थी और उन्होंने कोई गलत कदम नहीं उठाया। जब उन्होंने कहा कि वह कुछ करेंगे तो उन्होंने वह कर दिखाया।' टुंकू ने कहा कि 4929 एथलीटों के प्रतिनिधित्व के साथ ग्लास्गो 2014 अब तक के सबसे बड़े खेल होंगे और हमें भरोसा है कि ग्लास्गो 2014 शानदार खेल होंगे।
सीजीएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माइक हूपर ने भी कहा, 'तैयारी के मामले में दिल्ली और ग्लास्गो की तुलना नहीं की जा सकती। लेकिन दिल्ली शानदार खेलों का आयोजन करने में सफल रहा था। मुझे लगता है कि ग्लास्गो में अब तक के सर्वश्रेष्ठ खेल आयोजित करने की क्षमता है।' हूपर ने 11 लाख टिकट बेचने के लिए ग्लास्गो खेलों के आयोजकों की तारीफ भी की।
दरअसल, सीजीएफ ने अपने बयान में 2010 के दिल्ली खेलों को 'सिरदर्द' बताया और ग्लास्गो 2014 के आयोजकों की पीठ थपथपाई। बीसवें कॉमनवेल्थ गेम्स के उदं्घाटन समारोह से कुछ घंटे पहले सीजीएफ अध्यक्ष प्रिंस इमरान टुंकू ने कहा कि तैयारी के मामले में ग्लास्गो अब तक के सर्वश्रेष्ठ खेल रहे। भ्रष्टाचार प्रकरण और निर्माण में देरी से प्रभावित रहे दिल्ली 2010 खेलों का संदर्भ देते हुए टुंकू ने कहा, 'तैयारी के मामले में यह सर्वश्रेष्ठ खेल रहे। मैं काफी खुश हूं, क्योंकि यह अध्यक्ष के रूप में मेरे पहले कार्यकाल में हो रहा है। मुझे उन सिरदर्द का सामना नहीं करना पड़ा जिनका सामना मेरे पूर्ववर्तियों को करना पड़ा था। ग्लास्गो के आयोजक जिस तरह से काम कर रहे थे उससे शुरुआत से ही सीजीएफ का उनमें भरोसा था। उनकी कार्यशैली सटीक थी और उन्होंने कोई गलत कदम नहीं उठाया। जब उन्होंने कहा कि वह कुछ करेंगे तो उन्होंने वह कर दिखाया।' टुंकू ने कहा कि 4929 एथलीटों के प्रतिनिधित्व के साथ ग्लास्गो 2014 अब तक के सबसे बड़े खेल होंगे और हमें भरोसा है कि ग्लास्गो 2014 शानदार खेल होंगे।
सीजीएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माइक हूपर ने भी कहा, 'तैयारी के मामले में दिल्ली और ग्लास्गो की तुलना नहीं की जा सकती। लेकिन दिल्ली शानदार खेलों का आयोजन करने में सफल रहा था। मुझे लगता है कि ग्लास्गो में अब तक के सर्वश्रेष्ठ खेल आयोजित करने की क्षमता है।' हूपर ने 11 लाख टिकट बेचने के लिए ग्लास्गो खेलों के आयोजकों की तारीफ भी की।
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