दुनिया के जंगलों में अब महज 3,200 बाघ ही शेष बचे हैं। एक सदी पहले इनकी संख्या एक लाख के लगभग हुआ करती थी। वर्ल्ड वाइड फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) फॉर नेचर ने अपनी एक रिपोर्ट में यह कहा है।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने बाघ बहुल्य प्रमुख 13 देशों की ओर से बाघ संरक्षण के प्रयासों में सहयोग की पेशकश भी की है। इन देशों में भारत, बांग्लादेश, भूटान, चीन, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। इन देशों ने 2010 में बाघ संरक्षण के प्रतिबद्धता जताते हुए 2022 तक इनकी संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य सुनिश्चित किया था। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि अवैध शिकार और जंगलों के खत्म होते जाने के कारण एशियाई बाघ जल्द ही विलुप्त हो सकते हैं।
वर्तमान समय में अवैध शिकार बाघों के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बने हुए हैं। बाघ के शरीर के अंगों का इस्तेमाल विभिन्न पारंपरिक दवाओं, लोक इलाजों और कई स्थानों पर प्रतिष्ठा के तौर पर किया जाता है। जनवरी, 2000 से अप्रैल, 2014 के बीच एशिया में कम से कम 1,590 बाघों का अवैध शिकार किया गया।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने बाघ बहुल्य प्रमुख 13 देशों की ओर से बाघ संरक्षण के प्रयासों में सहयोग की पेशकश भी की है। इन देशों में भारत, बांग्लादेश, भूटान, चीन, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। इन देशों ने 2010 में बाघ संरक्षण के प्रतिबद्धता जताते हुए 2022 तक इनकी संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य सुनिश्चित किया था। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि अवैध शिकार और जंगलों के खत्म होते जाने के कारण एशियाई बाघ जल्द ही विलुप्त हो सकते हैं।
वर्तमान समय में अवैध शिकार बाघों के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बने हुए हैं। बाघ के शरीर के अंगों का इस्तेमाल विभिन्न पारंपरिक दवाओं, लोक इलाजों और कई स्थानों पर प्रतिष्ठा के तौर पर किया जाता है। जनवरी, 2000 से अप्रैल, 2014 के बीच एशिया में कम से कम 1,590 बाघों का अवैध शिकार किया गया।
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