राजधानी दिल्ली में सोमवार को गिरफ्तार किए गए लश्कर आतंकी अब्दुल सुब्हान ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वह अपने आतंकी संगठन के लिए रकम जुटाने को दिल्ली के एक बड़े कारोबारी का अपहरण करने की साजिश रच चुका था। उसे अंजाम देने के लिए ही वह दिल्ली आया था। वह गरीब मुस्लिम युवाओं को भड़का कर लश्कर का नया मॉड्यूल तैयार कर ही रहा था। साथ ही वह अलीपुर जेल में बंद अपने भांजे आतंकी असहबुद्दीन उर्फ शौकत के जरिए साजिश रचकर दिल्ली-एनसीआर के किसी बड़े कारोबारी को अगवा करना चाह रहा था। ताकि कारोबारी से करोड़ों की फिरौती वसूली जा सके। उस रकम से उसका आतंकी संगठन आर्थिक हालत मजबूत कर देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाला था।
बीते साल नवंबर में इंटेलीजेंस के जरिए सेल को सूचना मिली थी कि पाकिस्तान में बैठे लश्कर ए तैयबा के कमांडर जावेद बलूची से राजस्थान, हरियाणा व बिहार में किसी से लगातार बातचीत हो रही है। उस आधार पर सेल ने 27 नवंबर को मेवात का रहने वाला मोहम्मद शाहिद व कारी राशिद को गिरफ्तार किया था। जांच से पता चला था कि स्थानीय मस्जिद में मौलवी तथा मदरसे में बच्चों को तालीम देने वाले शाहिद व राशिद लश्कर के लिए युवाओं की भर्ती का काम करते रहे थे। दोनों को पाकिस्तान में बैठा जावेद बलूची नव वर्ष पर किसी बड़े आतंकी हमले की तैयारी करने को कह रहा था। पूछताछ से पता चला कि उनकी साजिश 4 दिसंबर को लोकसभा चुनाव से पूर्व में दिल्ली दहलाने की थी। दोनों ने अब्दुल सुब्हान के साथ साजिश रची थी। शाहिद व राशिद के पकड़े जाने से डर कर अब्दुल सुब्हान ने राजधानी को दहलाने की साजिश छोड़ी। सेल व केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां अब्दुल सुब्हान के पीछे पड़ गई। जावेद बलूची को यह पता चलने पर उसने अब्दुल सुब्हान को फोन कर कहा कि वह अलीपुर जेल जाकर अपने भांजे असहबुद्दीन से मिले और जल्द कुछ युवाओं को तैयार कर उनसे कोई बड़ी वारदात कराए। सुब्हान अप्रैल अंत में अलीपुर जेल में मुलाकाती बनकर असहबुद्दीन उर्फ शौकत से मिला व साजिश रची। सुब्हान के जेल में मिलने जाने से पूर्व जावेद बलूची ने पाकिस्तान से असहबुद्दीन को फोन कर बताया कि उसका मामा मिलने आ रहा है। अलीपुर जेल में असहबुद्दीन मोबाइल कैसे रखे था। इसे जानकार सेल व सुरक्षा एजेंसियां हैरान हैं। जब अब्दुल सुब्हान वांटेड था तब वह जेल जाकर कैसे मिला।
बीते साल नवंबर में इंटेलीजेंस के जरिए सेल को सूचना मिली थी कि पाकिस्तान में बैठे लश्कर ए तैयबा के कमांडर जावेद बलूची से राजस्थान, हरियाणा व बिहार में किसी से लगातार बातचीत हो रही है। उस आधार पर सेल ने 27 नवंबर को मेवात का रहने वाला मोहम्मद शाहिद व कारी राशिद को गिरफ्तार किया था। जांच से पता चला था कि स्थानीय मस्जिद में मौलवी तथा मदरसे में बच्चों को तालीम देने वाले शाहिद व राशिद लश्कर के लिए युवाओं की भर्ती का काम करते रहे थे। दोनों को पाकिस्तान में बैठा जावेद बलूची नव वर्ष पर किसी बड़े आतंकी हमले की तैयारी करने को कह रहा था। पूछताछ से पता चला कि उनकी साजिश 4 दिसंबर को लोकसभा चुनाव से पूर्व में दिल्ली दहलाने की थी। दोनों ने अब्दुल सुब्हान के साथ साजिश रची थी। शाहिद व राशिद के पकड़े जाने से डर कर अब्दुल सुब्हान ने राजधानी को दहलाने की साजिश छोड़ी। सेल व केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां अब्दुल सुब्हान के पीछे पड़ गई। जावेद बलूची को यह पता चलने पर उसने अब्दुल सुब्हान को फोन कर कहा कि वह अलीपुर जेल जाकर अपने भांजे असहबुद्दीन से मिले और जल्द कुछ युवाओं को तैयार कर उनसे कोई बड़ी वारदात कराए। सुब्हान अप्रैल अंत में अलीपुर जेल में मुलाकाती बनकर असहबुद्दीन उर्फ शौकत से मिला व साजिश रची। सुब्हान के जेल में मिलने जाने से पूर्व जावेद बलूची ने पाकिस्तान से असहबुद्दीन को फोन कर बताया कि उसका मामा मिलने आ रहा है। अलीपुर जेल में असहबुद्दीन मोबाइल कैसे रखे था। इसे जानकार सेल व सुरक्षा एजेंसियां हैरान हैं। जब अब्दुल सुब्हान वांटेड था तब वह जेल जाकर कैसे मिला।
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