उत्तराखंड के पहाड़ी रास्तों पर बारिश के बाद हो रहा भूस्खलन जानलेवा बनता जा रहा है। बुधवार को चमोली जिले में एक यात्री बस, एक स्कूल बस और दो छोटे वाहन भूस्खलन की चपेट में आए गए। इसके चलते दो यात्रियों की मौत हो गई, जबकि सात अन्य चोटिल हो गए। चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में रात बारिश के बाद सुबह से पूरे दिन मौसम खुला, लेकिन शाम के वक्त कई इलाकों में रुक-रुक कर बारिश का दौर चला। छिटपुट बाधाओं के बीच हेमकुंड, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री यात्रा चली। मौसम के मिजाज को देखते हुए केदारनाथ यात्रा को 26 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया है। पर्वतीय जिलों में संपर्क मार्ग अवरुद्ध होने से स्थानीय जनता की दुश्वारियां कम नहीं हो पा रही हैं। कुमाऊं मंडल में कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग आठवें दिन भी नहीं खुल पाया।
गुजरे तीन दिनों से भारी बारिश से राहत जरूर है, लेकिन पर्वतीय मार्गो पर खतरे बरकरार हैं। अभी तक भूस्खलन और बंद रास्तों की वजह से आवाजाही ही बाधित हो रही थी, लेकिन अब ये जान पर भारी पड़ने लगी है। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा को 26 जुलाई तक के लिए रोक दिया है। ये यात्रा 16 जुलाई से बंद है। जिलाधिकारी डॉ. राघव लंगर ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा और मौसम के मिजाज को देखते हुए यह निर्णय किया गया है। इधर, केदारनाथ हाईवे गौरीकुंड तक खुला हुआ है, जबकि गंगोत्री हाईवे सुक्की, नेताला और लालढांग में सुबह बंद था, लेकिन उसके बाद खुल गया। यमुनोत्री हाईवे स्यानचट्टी और बाडिया में बार-बार अवरुद्ध हो रहा है। दोनों धामों की यात्रा जारी है, हालांकि यहां पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या काफी कम रही। गंगोत्री में 200 और यमुनोत्री में 81 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। कांवड़ यात्रा के चलते गंगोत्री में थोड़ी चहल पहल जरूर रही। बदरीनाथ और हेमकुंड में भी पूरे दिन यात्रियों की आवाजाही रही। बदरीनाथ धाम 300 और हेमकुंड 85 श्रद्धालु पहुंचे।
गुजरे तीन दिनों से भारी बारिश से राहत जरूर है, लेकिन पर्वतीय मार्गो पर खतरे बरकरार हैं। अभी तक भूस्खलन और बंद रास्तों की वजह से आवाजाही ही बाधित हो रही थी, लेकिन अब ये जान पर भारी पड़ने लगी है। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा को 26 जुलाई तक के लिए रोक दिया है। ये यात्रा 16 जुलाई से बंद है। जिलाधिकारी डॉ. राघव लंगर ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा और मौसम के मिजाज को देखते हुए यह निर्णय किया गया है। इधर, केदारनाथ हाईवे गौरीकुंड तक खुला हुआ है, जबकि गंगोत्री हाईवे सुक्की, नेताला और लालढांग में सुबह बंद था, लेकिन उसके बाद खुल गया। यमुनोत्री हाईवे स्यानचट्टी और बाडिया में बार-बार अवरुद्ध हो रहा है। दोनों धामों की यात्रा जारी है, हालांकि यहां पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या काफी कम रही। गंगोत्री में 200 और यमुनोत्री में 81 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। कांवड़ यात्रा के चलते गंगोत्री में थोड़ी चहल पहल जरूर रही। बदरीनाथ और हेमकुंड में भी पूरे दिन यात्रियों की आवाजाही रही। बदरीनाथ धाम 300 और हेमकुंड 85 श्रद्धालु पहुंचे।
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