हत्यारे 27 जुलाई की रात जब कार में ज्योति को चाकुओं से गोद रहे थे, उस समय उसका पति पीयूष लगातार उनके संपर्क में था। वह मोबाइल पर ज्योति की चीखें सुन रहा था। गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान एसएसपी केएस इमैनुएल ने इस हत्याकांड से जुड़े और तथ्यों की जानकारी देते हुए बताया कि ज्योति का काम तमाम होने के बाद हत्यारोपी रेनू ने पीयूष से कहा कि काम हो गया। इसके बाद पीयूष थाने में पत्नी के गायब होने की सूचना देने पहुंचा था। इससे पहले झूठी हाथापाई में फटी शर्ट को बदलने वह घर गया। एसएसपी ने बताया कि हत्यारोपियों के पास से ज्योति के लूटे गए कुंडल, अंगूठी बरामद हो गई हैं। जिस रूमाल से सोनू ने खून पोछा था वह भी मिला है। हत्या में प्रयुक्त एक और चाकू की तलाश की जा रही है। सभी हत्यारोपियों को जेल भेज दिया गया है।
दो जुलाई को रची हत्या की योजनामनीषा का पूर्व चालक अवधेश पीयूष और मनीषा का प्रेम प्रसंग बखूबी जानता था। पीयूष ने मनीषा की सलाह पर ही दो जुलाई को अवधेश से पत्नी की हत्या के संबंध में बात की थी और 50 हजार रुपये में सुपारी तय की थी।
दो बार खरीदे चाकूअवधेश और पीयूष रावतपुर क्रासिंग के पास बिग बाजार गए। पीयूष बाहर ही बैठा रहा। अवधेश ने ब्रांडेड दो चाकू खरीदे। दो दिन बाद दोबारा अवधेश सोनू के साथ बिग बाजार गया और फिर दो चाकू खरीदे। दोनों बार की वीडियो फुटेज पुलिस ने निकाल ली हैं।
जानते थे पीयूष क्रूर है, पर नाजुक रिश्ते ने रोक रखा थाबेशुमार दौलत का नशा पीयूष पर इतना हावी था कि वह किसी को कुछ नहीं समझता था। उसके अंदर इंसानियत नाम की कोई चीज नहीं थी। मगर हम सिर्फ इसलिए चुप रहते थे, क्योंकि हमारा उससे नाजुक रिश्ता था।' ये कहना है कानपुर से ज्योति का अंतिम संस्कार कर लौटे उसके भाई विशेष का।
एक घटना का जिक्र करते हुए विशेष ने बताया कि कुछ माह पहले पीयूष ज्योति के साथ जबलपुर आया था, तब परिवार के साथ सभी लोग घूमने जा रहे थे। इस दौरान पीयूष ने जिद करते हुए गाड़ी चलानी शुरू कर दी। सूनसान रास्ते में एक कुत्ते का बच्चा सड़क किनारे बैठा था, लेकिन पीयूष ने जानबूझकर उसे कुचल दिया। परिजनों ने उसकी इस हरकत पर आपत्ति जताई जिस पर वह उखड़ गया। उस वक्त भी ज्योति ने पीयूष की ऐसी कई हरकतों की जानकारी हमें दी थी, लेकिन हम लोगों ने उम्र के साथ समझदारी आने की बात कहते हुए ज्योति को शांत किया।
डेढ़ महीने से कर रहा था प्लानिंगज्योति के पिता शंकर नाग्देव ने बताया कि उन्हें पुलिस से जानकारी मिली कि पीयूष की प्रेमिका मनीषा दिल्ली में रहती थी और डेढ़ माह पहले ही कानपुर पहुंची थी। पीयूष के ठीक बगल वाले मकान के कमरे में मनीषा रहने लगी और पीयूष रोज रात में बालकनी कूदकर उसके कमरे में पहुंच जाता था। तभी से वह ज्योति की हत्या का प्लान बना रहा था।
पीयूष के पिता ने पूछा हालचालनाग्देव के अनुसार, गुरुवार सुबह उनका परिवार जबलपुर लौटा। करीब दस बजे पीयूष के पिता ओमप्रकाश ने उनका हालचाल पूछा। उनके दिल में पीयूष के लिए काफी घृणा है, लेकिन उसके पिता का सम्मान करते हैं। नाग्देव परिवार के लौटने के बाद रिश्तेदारों और परिचितों का उनसे मिलने का सिलसिला चलता रहा।
इसी ने अपनी पत्नी का बेरहमी से कत्ल कराया है, इसका मुंह काला कर दो, इसको चप्पलों से पीटो, कोर्ट से इसको जरूर सजा मिलेगी, इसको बिना पीटे जेल नहीं जाने देना है। ये शोर-गुल गुरुवार को सीएमएम कोर्ट के बाहर हो रहा था, जहां पर ज्योति का मर्डर करवाने वाले उसके पति पीयूष को पेश किया जा रहा था। वकीलों के गुस्से को देखकर कोर्ट ने कोतवाली फोर्स और पीएसी को बुला ली गई। जिसके बाद पीयूष को पुलिस की सुरक्षा में जेल भेजा गया, लेकिन गुस्साएं वकीलों ने उसको कचहरी में दौड़ाकर पीट दिया। उसको बचाने में कुछ पुलिस कर्मी वकीलों के गुस्से का शिकार हो गए। इससे पहले बुधवार रात को पीयूष के पांडुनगर वाले बंगले पर भी उसके समुदाय के लोगों ने पथराव कर गुस्से का इजहार किया था।
तुम्हें पास में नहीं बैठाया जा सकतापुलिस जब उसका मेडिको लीगल कराने हैलट में पहुंची तो डॉक्टर ने उसे कुर्सी से उठा दिया। कहा तुम जैसे इंसान को पास में नहीं बैठाया जा सकता। पीयूष जहां भी गया उसके किए की वजह से उसे जलालत ही झेलनी पड़ी।
चेतना चौराहे तक दौड़ाकर पीटा गयाकचहरी में वकीलों के गुस्से को देखकर हत्यारोपी पीयूष के पसीने छूट गए। पुलिस उसको वकीलों से बचाने के लिए पीछे के रास्ते से ले गई, लेकिन गुस्साएं वकील वहां पर पहुंच गए, जिसे देख पीयूष दहशत में बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगा, तो वकीलों ने उसे पीटते हुए कहा कि क्या तुमने अपनी पत्नी पर रहम किया था। पुलिस ने किसी तरह उसको रोड पर जीप पर बैठाया, तो वकील जीप में घुसकर उसको पीटने लगे। वो उसको चेतना चौराहे तक जीप में घुसकर पीटते रहे।
पीयूष दस घंटे की रिमाण्ड परपुलिस ने ज्योति मर्डर में उसके पति पीयूष की कस्टडी रिमाण्ड के लिए कोर्ट से अपील की। जिसका बचाव पक्ष के वकील सौरभ जैन ने कड़ा विरोध किया। पीयूष की ओर से सिटी के दर्जनों नामी वकीलों की फौज उतरी थी। वकीलों ने कस्टडी रिमाण्ड को टालने के लिए कोर्ट से समय की मांग की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। जिसके बाद कोर्ट ने पीयूष को दस घंटे का पुलिस कस्टडी रिमाण्ड का आदेश दिया। पुलिस शुक्रवार को सुबह आठ बजे पीयूष को जेल से कस्टडी में लेगी। जिसके बाद वे शाम को छह बजे उसका जेल में दाखिला करा दिया जाएगा।
हर पल झूठ बोलता है पीयूषशादी के बाद ज्योति का विश्वास छलने वाला पीयूष काफी शातिर है। वो पल-पल में झूठ बोलता है। उसने आईजी आशुतोष पाण्डेय की कांफ्रेंस में खुद जयोति के कत्ल का जुर्म स्वीकार किया था, लेकिन वो कोर्ट में पहुंचने के बाद बयान से पलट गया। उसने कोर्ट में पेशी के दौरान रिपोर्टर से कहा कि वो बेकसूर है, उसको फंसाया जा रहा है।
उसने कहा कि उसे ड्राइवर अवधेश फंसा रहा है। ड्राइवर बहुत खतरनाक है। वो उससे रुपए छीन लेता था। जब रिपोर्टर ने कांफ्रेंस में जुर्म कबूल करने के बारे में पूछा, तो उसने चुप्पी साध ली। वहीं, जेल से पेशी पर जाते समय पुलिस ने उससे रिमाण्ड पेपर में साइन करने के लिए कहा, तो उसने झट से साइन कर दिया, लेकिन वो कोर्ट में पहुंचने पर फिर पलट गया। उसने कहा कि उसे जेल में किसी भी पेपर में साइन नहीं किया था। उसने पुलिस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
माशूका समेत सभी आरोपी जेल पहुंचे.पुलिस ने ज्योति मर्डर में गुरुवार की शाम करीब साढ़े चार बजे पीयूष की माशूका मनीषा माखीजा, ड्राइवर अवधेश, रेनू, आशीष और सोनू को गिरफ्तार कर सीएमएम कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इससे पहले पुलिस ने गुटखा किंग की बेटी यानि पीयूष की माशूका को मीडिया के सामने लाने से बचती रही। पुलिस ने उसको एसएसपी की प्रेस कांफ्रेंस में भी पेश नहीं किया। वहीं, उसके परिजन समेत शहर की कई बड़ी हस्तियां उसको बचाने के लिए पेशबन्दी में जुटे रहे।
इस आईओ भरोसे नहीं होगी विवेचनाहाईप्रोफाइल मर्डर की जांच के लिए पुलिस ने जिसे आईओ बनाया है उसका बीते साल हुए एक हाईप्रोफाइल हिट एंड रन केस में रिकार्ड काफी सवालों के घेरे में रहा है। मौजूदा समय में स्वरूप नगर के एसओ स्वरुप नगर में सूरी शू कंपनी के मालिक के बेटे के गैस्ट्रो लीवर हॉस्पिटल के पास इटावा के एक लड़के को कुचल देने के मामले में यहीं विवेचना अधिकारी बनाए गए थे। जिसके बाद आरोपी को 24 घंटे में थाने में जमानत मिल गई और उसके बाद पूरा मामला दबा दिया गया। मामले पर बारीकी से नजर रख रहे आईजी जोन आशुतोष पांडे ने इस मामले की जांच के लिए एक टीम बनाने की बात कही है।
तो ज्योति की लाश भी नहीं मिलतीअवधेश ने बताया कि 20 जुलाई को ही ज्योति बैराज पर हत्या की योजना थी। पीयूष ज्योति को लेकर बैराज पर पहुंचा भी था। लेकिन बारिश होने की वजह से वह और बाकी साथी वहां नहीं पहुंच सके। उस दिन उसकी हत्या में गला घोंट कर की जाती क्योंकि कोई भी किसी तरह का हथियार नहीं लाया था। इसके बाद उसकी बॉडी को बैराज में फेंक दिया जाता। जिससे उसका शव भी किसी के हाथ नहीं लगता लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सामने आई चाकू खरीदने की सीसीटीवी फुटेजगुरुवार को पुलिस एक सीसीटीवी फुटेज के साथ सामने आई। यह फुटेज 21 जुलाई को गुटैया क्रासिंग स्थित बिगबाजार थी। जिसमें अवधेश और सोनू मॉल में चाकू खरीदते नजर आ रहे हैं। एसएसपी केएस इमैनुअल ने दावा किया कि पीयूष भी उस दौरान मॉल में ही मौजूद था लेकिन वह बिगबाजार के अंदर नहीं गया।
और पुलिस ने बरामद करा दिए ज्योति के जेवरज्योति की हत्या के बाद से ही पुलिस किसी भी प्रकार की लूट से इंकार कर रही थी। उसका कहना था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर ने लिखा था कि ज्योति की बॉडी से एक ब्रेसलेट मिला है। वहीं जब पीयूष के परिजनों ने ज्योति के गहने लूटने का आरोप लगाया तो पुलिस ने गुरुवार को उसके जेवर भी बरामद करा दिए। पुलिस ने दावा किया कि पीयूष ने ही सभी आरोपियों हत्या के बाद जेवर निकालने के लिए कहा था जिससे घटना लूट लगे। प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस ने जेवरों को पनकी में जहां कार बरामदगी की जगह के पास से इन्हें मिलने की बात बताई जबकि प्रेसनोट में आरोपियों की गिरफ्तारी के दौरान ही जेवर बरामद होने की बात लिखी।
बियर पिलाई रुपए नहीं दिएहत्यारोपी रेनू कनौजिया ने बताया कि हत्या में रुपयों को लेकर पीयूष से डीलिंग अवधेश ही कर रहा था। अवधेश ने ही कत्ल से पहले पीयूष से 10 हजार फिर 20 हजार रूपए लिए। लेकिन यह रुपया उसने किसी को नहीं दिया। उसने बताया कि पीयूष ने कहा था कि उसके पास हमेशा 20,30 हजार रुपए मौजूद रहते हैं।
पीयूष और दूसरे आरोपियों के बीच गाली गलौजजेल पहुंचने पर पीयूष और बाकी चारों आरोपियों को मुलाहिजा बैरक में ही रखा गया था। हत्या के बाद पहली बार आमना सामना होने पर अवधेश, सोनू, रेनू की पीयूष के साथ गाली गलौज भी हुई। दोनों ही एक दूसरे को गालियां दे रहे थे और एक दूसरे पर पचड़े में फंसाने का आरोप भी लगा रहे थे। वहीं मनीषा को महिला बैरक में आम आरोपियों की तरह की रखा गया है।
अब रोने से कोई फायदा नहींहत्या के बाद पुलिसिया इंटेरोगेशन से गुजरने फिर वकीलों से पिटने और हर जगह जलालत झेलने के बाद जब पीयूष जेल पहुंचा तो कुछ देर तो उसे गेट के अंदर खड़ा रहना पड़ा। वो जेल में दहाड़े मार कर रोया। यह नजारा देख सिपाही, नंबरदार समेत जेल सुप्रीटेंडेंट ने पहले तो उसे समझाया फिर पुचकारा आखिर में कहा अब रोने से कोई फायदा नहीं।
दो जुलाई को रची हत्या की योजनामनीषा का पूर्व चालक अवधेश पीयूष और मनीषा का प्रेम प्रसंग बखूबी जानता था। पीयूष ने मनीषा की सलाह पर ही दो जुलाई को अवधेश से पत्नी की हत्या के संबंध में बात की थी और 50 हजार रुपये में सुपारी तय की थी।
दो बार खरीदे चाकूअवधेश और पीयूष रावतपुर क्रासिंग के पास बिग बाजार गए। पीयूष बाहर ही बैठा रहा। अवधेश ने ब्रांडेड दो चाकू खरीदे। दो दिन बाद दोबारा अवधेश सोनू के साथ बिग बाजार गया और फिर दो चाकू खरीदे। दोनों बार की वीडियो फुटेज पुलिस ने निकाल ली हैं।
जानते थे पीयूष क्रूर है, पर नाजुक रिश्ते ने रोक रखा थाबेशुमार दौलत का नशा पीयूष पर इतना हावी था कि वह किसी को कुछ नहीं समझता था। उसके अंदर इंसानियत नाम की कोई चीज नहीं थी। मगर हम सिर्फ इसलिए चुप रहते थे, क्योंकि हमारा उससे नाजुक रिश्ता था।' ये कहना है कानपुर से ज्योति का अंतिम संस्कार कर लौटे उसके भाई विशेष का।
एक घटना का जिक्र करते हुए विशेष ने बताया कि कुछ माह पहले पीयूष ज्योति के साथ जबलपुर आया था, तब परिवार के साथ सभी लोग घूमने जा रहे थे। इस दौरान पीयूष ने जिद करते हुए गाड़ी चलानी शुरू कर दी। सूनसान रास्ते में एक कुत्ते का बच्चा सड़क किनारे बैठा था, लेकिन पीयूष ने जानबूझकर उसे कुचल दिया। परिजनों ने उसकी इस हरकत पर आपत्ति जताई जिस पर वह उखड़ गया। उस वक्त भी ज्योति ने पीयूष की ऐसी कई हरकतों की जानकारी हमें दी थी, लेकिन हम लोगों ने उम्र के साथ समझदारी आने की बात कहते हुए ज्योति को शांत किया।
डेढ़ महीने से कर रहा था प्लानिंगज्योति के पिता शंकर नाग्देव ने बताया कि उन्हें पुलिस से जानकारी मिली कि पीयूष की प्रेमिका मनीषा दिल्ली में रहती थी और डेढ़ माह पहले ही कानपुर पहुंची थी। पीयूष के ठीक बगल वाले मकान के कमरे में मनीषा रहने लगी और पीयूष रोज रात में बालकनी कूदकर उसके कमरे में पहुंच जाता था। तभी से वह ज्योति की हत्या का प्लान बना रहा था।
पीयूष के पिता ने पूछा हालचालनाग्देव के अनुसार, गुरुवार सुबह उनका परिवार जबलपुर लौटा। करीब दस बजे पीयूष के पिता ओमप्रकाश ने उनका हालचाल पूछा। उनके दिल में पीयूष के लिए काफी घृणा है, लेकिन उसके पिता का सम्मान करते हैं। नाग्देव परिवार के लौटने के बाद रिश्तेदारों और परिचितों का उनसे मिलने का सिलसिला चलता रहा।
इसी ने अपनी पत्नी का बेरहमी से कत्ल कराया है, इसका मुंह काला कर दो, इसको चप्पलों से पीटो, कोर्ट से इसको जरूर सजा मिलेगी, इसको बिना पीटे जेल नहीं जाने देना है। ये शोर-गुल गुरुवार को सीएमएम कोर्ट के बाहर हो रहा था, जहां पर ज्योति का मर्डर करवाने वाले उसके पति पीयूष को पेश किया जा रहा था। वकीलों के गुस्से को देखकर कोर्ट ने कोतवाली फोर्स और पीएसी को बुला ली गई। जिसके बाद पीयूष को पुलिस की सुरक्षा में जेल भेजा गया, लेकिन गुस्साएं वकीलों ने उसको कचहरी में दौड़ाकर पीट दिया। उसको बचाने में कुछ पुलिस कर्मी वकीलों के गुस्से का शिकार हो गए। इससे पहले बुधवार रात को पीयूष के पांडुनगर वाले बंगले पर भी उसके समुदाय के लोगों ने पथराव कर गुस्से का इजहार किया था।
तुम्हें पास में नहीं बैठाया जा सकतापुलिस जब उसका मेडिको लीगल कराने हैलट में पहुंची तो डॉक्टर ने उसे कुर्सी से उठा दिया। कहा तुम जैसे इंसान को पास में नहीं बैठाया जा सकता। पीयूष जहां भी गया उसके किए की वजह से उसे जलालत ही झेलनी पड़ी।
चेतना चौराहे तक दौड़ाकर पीटा गयाकचहरी में वकीलों के गुस्से को देखकर हत्यारोपी पीयूष के पसीने छूट गए। पुलिस उसको वकीलों से बचाने के लिए पीछे के रास्ते से ले गई, लेकिन गुस्साएं वकील वहां पर पहुंच गए, जिसे देख पीयूष दहशत में बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगा, तो वकीलों ने उसे पीटते हुए कहा कि क्या तुमने अपनी पत्नी पर रहम किया था। पुलिस ने किसी तरह उसको रोड पर जीप पर बैठाया, तो वकील जीप में घुसकर उसको पीटने लगे। वो उसको चेतना चौराहे तक जीप में घुसकर पीटते रहे।
पीयूष दस घंटे की रिमाण्ड परपुलिस ने ज्योति मर्डर में उसके पति पीयूष की कस्टडी रिमाण्ड के लिए कोर्ट से अपील की। जिसका बचाव पक्ष के वकील सौरभ जैन ने कड़ा विरोध किया। पीयूष की ओर से सिटी के दर्जनों नामी वकीलों की फौज उतरी थी। वकीलों ने कस्टडी रिमाण्ड को टालने के लिए कोर्ट से समय की मांग की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। जिसके बाद कोर्ट ने पीयूष को दस घंटे का पुलिस कस्टडी रिमाण्ड का आदेश दिया। पुलिस शुक्रवार को सुबह आठ बजे पीयूष को जेल से कस्टडी में लेगी। जिसके बाद वे शाम को छह बजे उसका जेल में दाखिला करा दिया जाएगा।
हर पल झूठ बोलता है पीयूषशादी के बाद ज्योति का विश्वास छलने वाला पीयूष काफी शातिर है। वो पल-पल में झूठ बोलता है। उसने आईजी आशुतोष पाण्डेय की कांफ्रेंस में खुद जयोति के कत्ल का जुर्म स्वीकार किया था, लेकिन वो कोर्ट में पहुंचने के बाद बयान से पलट गया। उसने कोर्ट में पेशी के दौरान रिपोर्टर से कहा कि वो बेकसूर है, उसको फंसाया जा रहा है।
उसने कहा कि उसे ड्राइवर अवधेश फंसा रहा है। ड्राइवर बहुत खतरनाक है। वो उससे रुपए छीन लेता था। जब रिपोर्टर ने कांफ्रेंस में जुर्म कबूल करने के बारे में पूछा, तो उसने चुप्पी साध ली। वहीं, जेल से पेशी पर जाते समय पुलिस ने उससे रिमाण्ड पेपर में साइन करने के लिए कहा, तो उसने झट से साइन कर दिया, लेकिन वो कोर्ट में पहुंचने पर फिर पलट गया। उसने कहा कि उसे जेल में किसी भी पेपर में साइन नहीं किया था। उसने पुलिस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
माशूका समेत सभी आरोपी जेल पहुंचे.पुलिस ने ज्योति मर्डर में गुरुवार की शाम करीब साढ़े चार बजे पीयूष की माशूका मनीषा माखीजा, ड्राइवर अवधेश, रेनू, आशीष और सोनू को गिरफ्तार कर सीएमएम कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इससे पहले पुलिस ने गुटखा किंग की बेटी यानि पीयूष की माशूका को मीडिया के सामने लाने से बचती रही। पुलिस ने उसको एसएसपी की प्रेस कांफ्रेंस में भी पेश नहीं किया। वहीं, उसके परिजन समेत शहर की कई बड़ी हस्तियां उसको बचाने के लिए पेशबन्दी में जुटे रहे।
इस आईओ भरोसे नहीं होगी विवेचनाहाईप्रोफाइल मर्डर की जांच के लिए पुलिस ने जिसे आईओ बनाया है उसका बीते साल हुए एक हाईप्रोफाइल हिट एंड रन केस में रिकार्ड काफी सवालों के घेरे में रहा है। मौजूदा समय में स्वरूप नगर के एसओ स्वरुप नगर में सूरी शू कंपनी के मालिक के बेटे के गैस्ट्रो लीवर हॉस्पिटल के पास इटावा के एक लड़के को कुचल देने के मामले में यहीं विवेचना अधिकारी बनाए गए थे। जिसके बाद आरोपी को 24 घंटे में थाने में जमानत मिल गई और उसके बाद पूरा मामला दबा दिया गया। मामले पर बारीकी से नजर रख रहे आईजी जोन आशुतोष पांडे ने इस मामले की जांच के लिए एक टीम बनाने की बात कही है।
तो ज्योति की लाश भी नहीं मिलतीअवधेश ने बताया कि 20 जुलाई को ही ज्योति बैराज पर हत्या की योजना थी। पीयूष ज्योति को लेकर बैराज पर पहुंचा भी था। लेकिन बारिश होने की वजह से वह और बाकी साथी वहां नहीं पहुंच सके। उस दिन उसकी हत्या में गला घोंट कर की जाती क्योंकि कोई भी किसी तरह का हथियार नहीं लाया था। इसके बाद उसकी बॉडी को बैराज में फेंक दिया जाता। जिससे उसका शव भी किसी के हाथ नहीं लगता लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सामने आई चाकू खरीदने की सीसीटीवी फुटेजगुरुवार को पुलिस एक सीसीटीवी फुटेज के साथ सामने आई। यह फुटेज 21 जुलाई को गुटैया क्रासिंग स्थित बिगबाजार थी। जिसमें अवधेश और सोनू मॉल में चाकू खरीदते नजर आ रहे हैं। एसएसपी केएस इमैनुअल ने दावा किया कि पीयूष भी उस दौरान मॉल में ही मौजूद था लेकिन वह बिगबाजार के अंदर नहीं गया।
और पुलिस ने बरामद करा दिए ज्योति के जेवरज्योति की हत्या के बाद से ही पुलिस किसी भी प्रकार की लूट से इंकार कर रही थी। उसका कहना था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर ने लिखा था कि ज्योति की बॉडी से एक ब्रेसलेट मिला है। वहीं जब पीयूष के परिजनों ने ज्योति के गहने लूटने का आरोप लगाया तो पुलिस ने गुरुवार को उसके जेवर भी बरामद करा दिए। पुलिस ने दावा किया कि पीयूष ने ही सभी आरोपियों हत्या के बाद जेवर निकालने के लिए कहा था जिससे घटना लूट लगे। प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस ने जेवरों को पनकी में जहां कार बरामदगी की जगह के पास से इन्हें मिलने की बात बताई जबकि प्रेसनोट में आरोपियों की गिरफ्तारी के दौरान ही जेवर बरामद होने की बात लिखी।
बियर पिलाई रुपए नहीं दिएहत्यारोपी रेनू कनौजिया ने बताया कि हत्या में रुपयों को लेकर पीयूष से डीलिंग अवधेश ही कर रहा था। अवधेश ने ही कत्ल से पहले पीयूष से 10 हजार फिर 20 हजार रूपए लिए। लेकिन यह रुपया उसने किसी को नहीं दिया। उसने बताया कि पीयूष ने कहा था कि उसके पास हमेशा 20,30 हजार रुपए मौजूद रहते हैं।
पीयूष और दूसरे आरोपियों के बीच गाली गलौजजेल पहुंचने पर पीयूष और बाकी चारों आरोपियों को मुलाहिजा बैरक में ही रखा गया था। हत्या के बाद पहली बार आमना सामना होने पर अवधेश, सोनू, रेनू की पीयूष के साथ गाली गलौज भी हुई। दोनों ही एक दूसरे को गालियां दे रहे थे और एक दूसरे पर पचड़े में फंसाने का आरोप भी लगा रहे थे। वहीं मनीषा को महिला बैरक में आम आरोपियों की तरह की रखा गया है।
अब रोने से कोई फायदा नहींहत्या के बाद पुलिसिया इंटेरोगेशन से गुजरने फिर वकीलों से पिटने और हर जगह जलालत झेलने के बाद जब पीयूष जेल पहुंचा तो कुछ देर तो उसे गेट के अंदर खड़ा रहना पड़ा। वो जेल में दहाड़े मार कर रोया। यह नजारा देख सिपाही, नंबरदार समेत जेल सुप्रीटेंडेंट ने पहले तो उसे समझाया फिर पुचकारा आखिर में कहा अब रोने से कोई फायदा नहीं।
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