सहारनपुर के तीन दिनी दंगे की प्राथमिक जांच में इसका कश्मीर कनेक्शन सामने आ रहा है। पुलिस ने कल दंगे के मुख्य आरोपी मोहर्रम अली उर्फ पप्पू सभासद को कई साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया। देर रात प्रशासन ने आरोपी मोहर्रम अली उर्फ पप्पू पर रासुका [एनएसए] लगा दिया।
सहारनपुर दंगा पूरी तरह सुनियोजित था और आगजनी करने वालों में जम्मू-कश्मीर और दिल्ली से आए लोगों की संलिप्तता का भी शक है। पुलिस इसके पीछे किसी आतंकी साजिश की बात स्वीकार नहीं कर रही है और फिलहाल इन्हें मोहर्रम अली का गुर्गा बता रही है। माना जा रहा है पप्पू ने गुरुद्वारे और कब्रिस्तान विवाद में पैसों की डील न होने के चलते भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया। दंगे के मास्टरमाइंड माने जा रहे मोहर्रम अली उर्फ पप्पू को भतीजे इरशाद के साथ गिरफ्तार किया गया। इसके बाद ही दंगे के कारणों की परते खुलती गई।
पुलिस का कहना है कि मोहर्रम अली के इशारे पर ही अंबाला रोड पर जमकर आगजनी, लूटपाट व फायरिंग हुई थी। आगजनी में इस्तेमाल हुआ केमिकल आमतौर पर कश्मीर वादी में वारदातों के दौरान प्रयोग किया जाता है। पप्पू पर इस बिंदु पर पूछताछ की जा रही है कि उसके साथ कश्मीर और दिल्ली से आए कई लोग थे। अंबाला रोड से लूटा गया सामान गाड़ियों में भरकर बाहर पहुंचाया गया।
ऐसे उकसाया भीड़ को
पुलिस के मुताबिक शनिवार सुबह मोहर्रम अली उर्फ पप्पू ने भीड़ को उकसाने के लिये कमेला कालोनी, ढोली खाल आदि मस्जिदों से माइक से घोषणा कराई कि सिख समाज के लोगों ने कुतुबशेर मस्जिद को शहीद कर दिया है। इसके बाद कुतुबशेर थाना चौक के पास सुबह भारी भीड़ आ गई। भीड़ में पूर्व सभासद मोहर्रम अली उर्फ पप्पू के अलावा पूर्व सभासद मसूद कुरैशी, आरिफ और पप्पू को भतीजा इरशाद भी शामिल थे और भीड़ को उकसा रहे थे। उनके पास आगजनी का पूरा सामान था। फायर स्टेशन को आग लगाने में और सिपाही को गोली मारने के पीछे भी पप्पू की भूमिका सामने आई है। पुलिस के मुताबिक पप्पू और उसके साथियों को दंगों में अब तक कायम किये गए 67 मुकदमों में मुख्य आरोप बनाया गया है और आठ मुकदमों में उस पर भीड़ को उकसाने का आरोप है। पुलिस 75 मुकदमों में अब तक 89 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
सहारनपुर के एसएसपी राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि सहारनपुर को दंगे की आग में झोंकने वाले तीन मास्टर माइंड में से दो पूर्व सभासद मोहर्रम अली उर्फ पप्पू व इरशाद को कुतुबशेर थाना पुलिस ने मंडी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है। इरशाद पप्पू का भतीजा है और उनके साथ दानिश, शाहिद, इरफान भी पकड़े गए हैं।
सहारनपुर दंगा पूरी तरह सुनियोजित था और आगजनी करने वालों में जम्मू-कश्मीर और दिल्ली से आए लोगों की संलिप्तता का भी शक है। पुलिस इसके पीछे किसी आतंकी साजिश की बात स्वीकार नहीं कर रही है और फिलहाल इन्हें मोहर्रम अली का गुर्गा बता रही है। माना जा रहा है पप्पू ने गुरुद्वारे और कब्रिस्तान विवाद में पैसों की डील न होने के चलते भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया। दंगे के मास्टरमाइंड माने जा रहे मोहर्रम अली उर्फ पप्पू को भतीजे इरशाद के साथ गिरफ्तार किया गया। इसके बाद ही दंगे के कारणों की परते खुलती गई।
पुलिस का कहना है कि मोहर्रम अली के इशारे पर ही अंबाला रोड पर जमकर आगजनी, लूटपाट व फायरिंग हुई थी। आगजनी में इस्तेमाल हुआ केमिकल आमतौर पर कश्मीर वादी में वारदातों के दौरान प्रयोग किया जाता है। पप्पू पर इस बिंदु पर पूछताछ की जा रही है कि उसके साथ कश्मीर और दिल्ली से आए कई लोग थे। अंबाला रोड से लूटा गया सामान गाड़ियों में भरकर बाहर पहुंचाया गया।
ऐसे उकसाया भीड़ को
पुलिस के मुताबिक शनिवार सुबह मोहर्रम अली उर्फ पप्पू ने भीड़ को उकसाने के लिये कमेला कालोनी, ढोली खाल आदि मस्जिदों से माइक से घोषणा कराई कि सिख समाज के लोगों ने कुतुबशेर मस्जिद को शहीद कर दिया है। इसके बाद कुतुबशेर थाना चौक के पास सुबह भारी भीड़ आ गई। भीड़ में पूर्व सभासद मोहर्रम अली उर्फ पप्पू के अलावा पूर्व सभासद मसूद कुरैशी, आरिफ और पप्पू को भतीजा इरशाद भी शामिल थे और भीड़ को उकसा रहे थे। उनके पास आगजनी का पूरा सामान था। फायर स्टेशन को आग लगाने में और सिपाही को गोली मारने के पीछे भी पप्पू की भूमिका सामने आई है। पुलिस के मुताबिक पप्पू और उसके साथियों को दंगों में अब तक कायम किये गए 67 मुकदमों में मुख्य आरोप बनाया गया है और आठ मुकदमों में उस पर भीड़ को उकसाने का आरोप है। पुलिस 75 मुकदमों में अब तक 89 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
सहारनपुर के एसएसपी राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि सहारनपुर को दंगे की आग में झोंकने वाले तीन मास्टर माइंड में से दो पूर्व सभासद मोहर्रम अली उर्फ पप्पू व इरशाद को कुतुबशेर थाना पुलिस ने मंडी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है। इरशाद पप्पू का भतीजा है और उनके साथ दानिश, शाहिद, इरफान भी पकड़े गए हैं।
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