भ्रष्टाचार और लेट लतीफी वाले दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के बाद बुधवार से स्कॉटलैंड में 20वें कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू हो रहे हैं। इस बार चर्चा स्टेडियम और सुविधाओं की नहीं, बल्कि छह ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता उसैन बोल्ट की हो रही है, जिन्होंने पिछले खेलों में भाग नहीं लिया था। हालांकि जमैका के सुपर स्टार बोल्ट 100 या 200 मीटर की दौड़ में हिस्सा नहीं लेंगे, वह सिर्फ 4 गुणा 100 मीटर रिले दौड़ में शिरकत करेंगे। बोल्ट नाम की यह बिजली नौ सेकेंड से भी कम समय तक कौंधेगी, लेकिन वह कुछ सेकेंड इन खेलों का सबसे बड़ा आकर्षण होंगे।
हालांकि कॉमनवेल्थ गेम्स का महत्व 204 देशों वाले ओलंपिक जैसा तो नहीं है, लेकिन फिर भी 71 कॉमनवेल्थ देशों के लिए यह एक प्रतिष्ठित समारोह है, जहां 261 पदकों के लिए 17 खेलों में 4500 खिलाड़ी भिड़ेंगे। कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत 1930 में हुई और यह तीसरा मौका है, जब स्कॉटलैंड इन खेलों का आयोजन कर रहा है। इससे पहले 1970 और 1986 में वह एडिनबरा में इसका सफल आयोजन कर चुका है।
इस बार ग्लासगो के सेल्टिक पार्क में भव्य उद्घाटन समारोह होगा, जिसमें रॉड स्टीवर्ट, सूजेन बोयाल और वायलिनवादक निकोल बेनेडेटी सहित कई बड़े कलाकार हिस्सा लेंगे। यहां 40 हजार दर्शकों के जमा होने की संभावना है। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय इन खेलों की औपचारिक शुरुआत की घोषणा करेंगी।
महिला फर्राटा धावक जमैका की शेली-एन फ्रेजर-प्राइस पुरुष वर्ग में हमवतन धावक योहान ब्लेक (जोकि बोल्ट के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी भी हैं) के इन खेलों में हिस्सा नहीं लेने से ट्रैक एंड फील्ड में घटे रोमांच की भरपाई करने की पूरी कोशिश करेंगी। दूसरी तरफ ब्रिटेन के मो फराह को भी देखने को भीड़ जरूर उमड़ेगी, जिन्होंने लंदन ओलंपिक में 5000 और 10000 मीटर रेस जीती थी।
पिछले प्रदर्शनों की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया पिछले छह बार से लगातार पदक तालिका में पहले नंबर पर रहता आया है और उम्मीद यही की जा रही है कि इस बार भी वह पहले नंबर पर होगा। हालांकि दिल्ली खेलों में उसके खाते में 74 स्वर्ण सहित 178 पदक आए थे, जो इस बार घट सकते हैं। भारत ने पिछली बार के खेलों में आश्चर्यजनक तरीके से 38 स्वर्ण पदक जीते थे और वह ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे नंबर पर था।
उसके बाद इंग्लैंड, कनाडा और केन्या थे। भारत से प्रशंसकों को एक बार फिर चमत्कारिक प्रदर्शन की उम्मीद है और नजरें खास तौर पर निशानेबाज अभिनव बिंद्रा, विजय कुमार, गगन नारंग और पहलवान योगेश्वर दत्त और सुशील कुमार पर टिकी हैं।
प्रधानमंत्री ने भारतीय दल को दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लास्गो में शुरू हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेने गए भारतीय खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। मोदी ने ट्वीट किया, 'ग्लास्गो में कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले रहे हमारे खिलाड़ियों को शुभकामनाएं। मुझे यकीन है कि वे राष्ट्र को गौरवांवित करेंगे।'
उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को चमकने का बेहतरीन मौका देने के अलावा कॉमनवेल्थ गेम्स जैसी प्रतियोगिताएं देशों के बीच एकजुटता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देती है। मोदी ने कहा, 'निश्चित तौर पर हमें आगामी दिनों में खेल और खेल भावना का जश्न देखने का मौका मिलेगा।'
हालांकि कॉमनवेल्थ गेम्स का महत्व 204 देशों वाले ओलंपिक जैसा तो नहीं है, लेकिन फिर भी 71 कॉमनवेल्थ देशों के लिए यह एक प्रतिष्ठित समारोह है, जहां 261 पदकों के लिए 17 खेलों में 4500 खिलाड़ी भिड़ेंगे। कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत 1930 में हुई और यह तीसरा मौका है, जब स्कॉटलैंड इन खेलों का आयोजन कर रहा है। इससे पहले 1970 और 1986 में वह एडिनबरा में इसका सफल आयोजन कर चुका है।
इस बार ग्लासगो के सेल्टिक पार्क में भव्य उद्घाटन समारोह होगा, जिसमें रॉड स्टीवर्ट, सूजेन बोयाल और वायलिनवादक निकोल बेनेडेटी सहित कई बड़े कलाकार हिस्सा लेंगे। यहां 40 हजार दर्शकों के जमा होने की संभावना है। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय इन खेलों की औपचारिक शुरुआत की घोषणा करेंगी।
महिला फर्राटा धावक जमैका की शेली-एन फ्रेजर-प्राइस पुरुष वर्ग में हमवतन धावक योहान ब्लेक (जोकि बोल्ट के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी भी हैं) के इन खेलों में हिस्सा नहीं लेने से ट्रैक एंड फील्ड में घटे रोमांच की भरपाई करने की पूरी कोशिश करेंगी। दूसरी तरफ ब्रिटेन के मो फराह को भी देखने को भीड़ जरूर उमड़ेगी, जिन्होंने लंदन ओलंपिक में 5000 और 10000 मीटर रेस जीती थी।
पिछले प्रदर्शनों की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया पिछले छह बार से लगातार पदक तालिका में पहले नंबर पर रहता आया है और उम्मीद यही की जा रही है कि इस बार भी वह पहले नंबर पर होगा। हालांकि दिल्ली खेलों में उसके खाते में 74 स्वर्ण सहित 178 पदक आए थे, जो इस बार घट सकते हैं। भारत ने पिछली बार के खेलों में आश्चर्यजनक तरीके से 38 स्वर्ण पदक जीते थे और वह ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे नंबर पर था।
उसके बाद इंग्लैंड, कनाडा और केन्या थे। भारत से प्रशंसकों को एक बार फिर चमत्कारिक प्रदर्शन की उम्मीद है और नजरें खास तौर पर निशानेबाज अभिनव बिंद्रा, विजय कुमार, गगन नारंग और पहलवान योगेश्वर दत्त और सुशील कुमार पर टिकी हैं।
प्रधानमंत्री ने भारतीय दल को दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लास्गो में शुरू हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेने गए भारतीय खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। मोदी ने ट्वीट किया, 'ग्लास्गो में कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले रहे हमारे खिलाड़ियों को शुभकामनाएं। मुझे यकीन है कि वे राष्ट्र को गौरवांवित करेंगे।'
उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को चमकने का बेहतरीन मौका देने के अलावा कॉमनवेल्थ गेम्स जैसी प्रतियोगिताएं देशों के बीच एकजुटता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देती है। मोदी ने कहा, 'निश्चित तौर पर हमें आगामी दिनों में खेल और खेल भावना का जश्न देखने का मौका मिलेगा।'
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