Friday 29 August 2014

करीब तीन महीने पहले उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में अपनी मौत का नाटक रचने वाले आरटीआइ कार्यकर्ता चंद्रमोहन शर्मा को पुलिस गुरुवार को बेंगलूर से नोएडा ले आई। उसने प्रेमिका के चक्कर में खुद को मृत साबित करने के लिए ऐसा षड्यंत्र रचा कि पुलिस भी गच्चा खा गई।

मीडिया के सामने चंद्रमोहन ने बताया कि उसने साले विदेस की मदद से मानसिक रूप से विक्षिप्त एक युवक को कार की सीट में बांधकर जिंदा जला दिया था। पुलिस अब विदेश की तलाश कर रही है। हालांकि उसने चंद्रमोहन के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है।

आम आदमी पार्टी [आप] से जुड़े चंद्रमोहन शर्मा का कहना है कि पत्नी सविता के साथ उसके रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे थे। इसके चलते पड़ोस में रहने वाली 24 वर्षीय युवती को वह पसंद करने लगा था। युवती के साथ जिंदगी गुजारने के मकसद से उसने अपनी मौत का नाटक किया था। गत एक मई को अपनी साजिश को अंजाम देकर ट्रेन से वह बेंगलूर पहुंच गया था। वहां पर उसने फर्जी दस्तावेजों पर नितिन शर्मा के नाम से होंडा कंपनी में नौकरी करनी भी शुरू कर दी थी। जिस युवती के साथ चंद्रमोहन को पकड़ा गया उसके अपहरण का मामला भी कासना कोतवाली में दर्ज है।

नहीं लगाऊंगी सिंदूर : सविता

अपने पति चंद्रमोहन शर्मा के लिए पुलिस को कोसने वाली उनकी पत्नी सविता अब इस कदर खफा हैं कि अब वह उसके नाम का सिंदूर नहीं लगाएंगी। चंद्रमोहन के जिंदा लौटने पर उन्होंने कहा कि मुझे अब उसके जिंदा लौटने की तनिक भी खुशी नहीं है। मेरे लिए वह मर चुका है और मेरा सुहागन का जीवन खत्म हो चुका है। मैं अब विधवा के रूप में जीवन बिताऊंगी। पति द्वारा किए घिनौने कृत्य को मैं कभी माफ नहीं कर सकती। मैं इस बात से खुश हूं कि सच्चाई से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। सविता का कहना है कि चंद्रमोहन की प्रेमिका के बारे में मुझे पता था। अगर पति कहता तो मैं उसे तलाक दे देती।

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