Tuesday 26 August 2014

Its the heaviest firing from pak side after 1971: DG BSF

1971 में हुए भारत-पाक युद्घ के बाद पहली बार सीमा पर भीषण फायरिंग हुई। पाकिस्तानी फायरिंग का भारतीय सेना ने मुंह तोड़ जवाब दिया और पाक चौकियों को भारी नुकसान पहुंचाया। दो भारतीयों की मौत का बदला आठ पाकिस्तानियों की मौत से लिया गया। हालांकि सोमवार रात सीमा पर खामोशी रही और मंगलवार को दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशक [डीजीएमओ] की फोन पर बात हुई, इसमें तनाव घटाने के लिए जल्द फ्लैग मीटिंग करने पर सहमति बनी।

भारत के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल पीआर कुमार ने मंगलवार दोपहर पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल आमिर रियाज से 10 मिनट तक फोन पर बात की। कुमार ने पाक द्वारा युद्ध विराम के उल्लंघन और घुसपैठ समेत सभी मुद्दों को उठाया। दोनों डीजीएमओ के बीच हर मंगलवार हॉट लाइन पर इस तरह की बात होती है। इसमें नियंत्रण रेखा व अन्य मुद्दों पर बात करते हैं।

दोनों अधिकारी तनाव घटाने के लिए फ्लैग मीटिंग आयोजित करने के लिए तैयार हो गए। इसके अलावा बीएसएफ और पाक रेंजरों के बीच भी वार्ता किए जाने पर सहमति बनी है। डीजीएमओ की बातचीत से पहले जम्मू की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सोमवार रात से गोलाबारी बंद रही।

नियंत्रण रेखा पर 95 बार संघर्ष विराम तोड़ा

पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर 95 बार और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 25 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। डीजीएमओ ने चर्चा में इस पर भारत का सख्त ऐतराज जताया।

बीएसएफ को खुली छूट

उधर सीमा सुरक्षा बल [बीएसएफ] के महानिदेशक डीके पाठक के अनुसार हाल में सीमा पर हुई फायरिंग 1971 के युद्घ के बाद सबसे भीषण गोलाबारी है। पाक फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सरकार ने खुली छूट दे दी है। इस कारण पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

16 अगस्त से शुरू हुई जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पाक फायरिंग में दो भारतीय नागरिकों की मौत हुई।

जेटली की सेना प्रमुखों से बात

इस बीच सीमा पर पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही गोलीबारी के मुद्दे पर रक्षामंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को तीनों सेना प्रमुखों से बात कर स्थिति की समीक्षा की।

पाक सेना तैनात

पाकिस्तानी रेंजरों के मुकाबले भारत की ताकत तीन गुना ज्यादा है। हमारे पास हथियार भी ज्यादा हैं। यह वजह है कि उनकी सेना के साथ आने के बावजूद पाकिस्तानी रेंजरों को जबर्दस्त नुकसान पहुंचा है। बीएसएफ के सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार ने रेंजरों की मदद के लिए पाकिस्तान सेना की 12 मुजाहिदीन बटालियन को चारवा सेक्टर में तैनात किया है।

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