Friday 22 August 2014

With eye on China, India deploys Akash missiles in northeast

सीमा पर चीन की लगातार बढ़ती घुसपैठ के मद्देनजर भारत ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। असम के तेजपुर और छबुआ में सुखोई 30 एमकेआइ की तैनाती के बाद अब पूर्वोत्तर में छह आकाश मिसाइलों की तैनाती भी की जा रही है। इसका मकसद भारतीय सीमा में चीनी लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन की घुसपैठ को रोकना है।

एक अंग्रेजी अखबार ने रक्षा सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि भारतीय वायुसेना को आकाश मिसाइलों की आपूर्ति शुरू कर दी गई है। इससे 25 किलोमीटर के दायरे में किसी भी तरह के खतरों से निपटा जा सकेगा। सूत्रों के अनुसार पहले दो आकाश मिसाइल ग्वालियर के मिराज 2000 बेस और पुणे के सुखोई बेस पर तैनात किए गए हैं। इसके अलावा पूर्वोत्तर में छह आकाश मिसाइलों की तैनाती को मंजूरी दी गई थी। इसका मकसद चीन के साथ लगी 4057 किलोमीटर लंबी सीमा को सुरक्षित करना है।

भारत सैन्य ताकत के मामले में चीन से काफी पीछे है। धीरे-धीरे वह टक्कर देने की तैयारी कर रहा है। 5000 किलोमीटर के रेंज वाले अग्नि-5 मिसाइल बनाने की योजना और फिर माउंटेन स्ट्राइक कॉ‌र्प्स का गठन जिसमें 90,000 से ज्यादा सेना के जवान शामिल होंगे, इस मिशन का हिस्सा हैं। इसके लिए 64,678 करोड़ रुपये खर्चे का अनुमान है। इसके अलावा सीमा पर सेना के लिए बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने की भी योजना बनाई गई है जिसके लिए 26,155 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

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