Tuesday 26 November 2013

Aarushi murder case: Talwar couple new address, Dasna jail, Barrack No. 11,13

Aarushi Talwar
गाजियाबाद [आशुतोष गुप्ता]। सजा सुनाए जाने के बाद डॉ राजेश व डॉ नूपुर तलवार का नाम व पता बदल गया है। अब उनका नया पता डासना जेल है। राजेश तलवार को बैरक नंबर 11 में बंदी नंबर 9342 नाम से रखा गया है। जबकि 13 नंबर में कैद नूपुर बंदी नंबर 9343 हैं। सीबीआइ अदालत द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद दोनों को पुलिस सुरक्षा में शाम 4:55 बजे जेल ले जाया गया। शाम साढ़े सात बजे दोनों को भोजन दिया गया लेकिन उन्होंने बाद में खाने की बात कहकर अपने पास रख लिया।

अंग्रेजी उपन्यास पढ़ती रहीं नूपुर :
डॉ नूपुर जेल में अपने साथ अंग्रेजी के तीन उपन्यास लेकर आई हैं। सोमवार देर रात वह अपने बैरक में गुमसुम बैठी हुई उपन्यास पढ़ती रहीं। उनके पास नील गेमैन की द ओशियन एट इन एंड ऑफ द लेन, रूट्स स्टेस का बिटविन शेड्स ऑफ ग्रे व डायल फोरमैन का जस्ट वन डे उपन्यास है। नूपुर इसके पहले 2012 में जब इस जेल में थीं तो उन्होंने जेल प्रशासन से द स्टोरी ऑफ एन अनफार्चुनेट मदर शीर्षक से एक किताब लिखने की अनुमति मांगी थी, जो उन्हें मिल गई थी। मंगलवार को भी किसी से बात नहीं की और उपन्यास पढ़ती रहीं। उनके पति राजेश तलवार भी देर रात तक बैरक में गुमसुम बैठे रहे व बीच-बीच में टहलते रहे। जेल प्रशासन के मुताबिक वह काफी तनाव में थे। इस दौरान नूपुर को बैरक में रोते हुए देखा गया।


नूपुर का ब्लड प्रेशर बढ़ा :
सोमवार को रात भर जेल में जागने के कारण नूपुर का ब्लड प्रेशर बढ़ गया। उनकी तबीयत बिगड़ गई। मंगलवार सुबह डॉक्टरों ने जांच की और उन्हें तीन घंटे आराम की सलाह दी। तबीयत में सुधार के बाद उन्हें दोपहर 1.30 बजे अदालत भेजा गया।

ये है खाने का मैन्यू :
सोमवार को डॉ दंपति ने खाना खाने से मना कर दिया था पर जेल अधिकारियों के समझाने पर देर रात खाने के लिए तैयार हो गए। उन्हें मसूर की दाल, चावल, मूली की सब्जी व आठ रोटियां दी गई थीं। मंगलवार सुबह नाश्ते में गुड़, चना व चाय दी गई। दोपहर को उड़द की दाल, चावल, गाजर की सब्जी व रोटी दी गई जबकि रात में मूंग की दाल, मिक्स सब्जी, चावल व रोटी दी गई।

लड़की गोद लेना चाहती थीं :
डॉ नूपुर इसके पहले जब डासना जेल में बंद थीं तो उन्होंने एक महिला कैदी की बेटी को गोद लेने की इच्छा जताई थी। पर नियमों का हवाला देते हुए जेल प्रशासन ने उन्हें मना कर दिया था। उन्हें बताया गया कि जब तक वह जेल में बंद हैं, उन्हें बच्चा गोद लेने की इजाजत नहीं मिल सकती। 


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