Friday 29 November 2013

Economy Recovered from Agriculture Supplements

India
नई दिल्ली [जाब्यू]। सरकारी उपेक्षा के बावजूद बढि़या खेती ने आइसीयू में जाती दिख रही अर्थव्यवस्था को बचा लिया है। वित्तीय सेवाओं ने भी आर्थिक सेहत को सहारा दिया है। चालू वित्त वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही [जुलाई-सितंबर] में इन दोनों क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से आर्थिक विकास की दर 4.8 फीसद रही है। पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद [जीडीपी] की वृद्धि दर 4.4 फीसद थी। अलबत्ता मैन्यूफैक्चरिंग, खनन जैसे अन्य अहम क्षेत्रों की रफ्तार धीमी रहने से चालू वित्त वर्ष में विकास दर के लिए पांच फीसद के लक्ष्य को पार करना चुनौतीपूर्ण होगा।

सरकार ने शुक्रवार देर शाम दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के आंकड़े जारी किए। सेंसेक्स में 257 अंक की तेजी ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि अप्रैल- जून तिमाही के मुकाबले ताजा आंकड़े बेहतर हो सकते हैं। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने साल की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था में और सुधार की उम्मीद जताई है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम का भी कहना है कि अगले वित्त वर्ष 2014-15 में आर्थिक विकास दर छह फीसद रहने की संभावना है।
यह दीगर है कि दूसरी तिमाही में तमाम एजेंसियां आर्थिक विकास दर अप्रैल-जून तिमाही के समान नीचे रहने की आशंकाएं जता रही थीं। खुद सरकार भी तीसरी और चौथी तिमाही में सुधार की उम्मीद कर रही थी। इस लिहाज से दूसरी तिमाही के आंकड़ों ने सरकार को हैरान किया है। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम का मानना है कि सुधार की रफ्तार यही रही तो पूरे साल में आर्थिक विकास दर का आंकड़ा पांच फीसद को पार कर सकता है।
दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था को दिक्कत से निकालने का काम खेती और वित्तीय सेवाओं ने किया। इस साल बढि़या मानसून के चलते खरीफ की बंपर पैदावार हुई है। साथ ही रबी सीजन के उत्पादन में रिकॉर्ड कायम होने की संभावना जताई गई है। इसके चलते दूसरी तिमाही में कृषि की विकास दर उछलकर 4.6 फीसद तक जा पहुंची है। माना जा रहा है पूरे साल के लिए भी कृषि वृद्धि दर साढ़े चार फीसद के आसपास ही रहेगी। उम्मीद के विपरीत वित्तीय सेवाओं का प्रदर्शन भी पहली तिमाही के मुकाबले बेहतर हुआ है। आइटी कंपनियों के प्रदर्शन ने इसमें अहम भूमिका निभाई है।
सेहत में सुधार :
क्षेत्र पहली दूसरी
तिमाही तिमाही
कृषि 2.7 4.6
खनन -2.8 -0.4
मैन्यूफैक्चरिंग -1.2 1.0
बिजली, गैस
जल आपूर्ति 3.7 7.7
कंस्ट्रक्शन 2.8 4.3
व्यापार, होटल
परिवहन, संचार 3.9 4.0
वित्तीय सेवाएं 8.9 10
सामाजिक सेवाएं 9.4 4.2
कुल जीडीपी दर 4.4 4.8
[सभी आंकड़े फीसद में]
मुख्य बातें :
-पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था 4.4 फीसद की रफ्तार से बढ़ी थी
-बढि़या मानसून से खेती की विकास दर 4.6 फीसद रही
-वित्तीय सेवा क्षेत्र दूसरी तिमाही में 10 फीसद की दर से बढ़ा
-महंगाई और ऊंची ब्याज दरों ने औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार रोकी
-मैन्यूफैक्चरिंग की विकास दर रही एक फीसद
-कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की रफ्तार 4.3 फीसद रही

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