नई दिल्ली [जाब्यू]। देश में बुनियादी उद्योगों के ढांचे में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। कोयला, बिजली, सीमेंट, स्टील वगैरह का उत्पादन बढ़ा है। इससे औद्योगिक उत्पादन में भी वृद्धि की गुंजाइश बन गई है। सितंबर में आठ बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में आठ फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। चालू वित्त वर्ष 2013-14 में यह अब तक की सबसे अधिक वृद्धि दर है। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में इन उद्योगों की विकास दर 3.2 फीसद रही है। इन उद्योगों में कोयला, बिजली, सीमेंट, स्टील, कच्चा तेल, रिफाइनरी उत्पाद, प्राकृतिक गैस और उर्वरक शामिल हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बुनियादी उद्योगों की विकास दर में उछाल की प्रमुख वजह कोयला और बिजली क्षेत्र रहे हैं। दोनों के उत्पादन में समान साढ़े बारह फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। अगस्त में बुनियादी उद्योगों की विकास दर काफी नीचे 3.7 फीसद रही थी। बुनियादी उद्योगों के प्रदर्शन में उछाल से कारखानों के उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। कोयला, कच्चा तेल, रिफाइनरी उत्पाद और प्राकृतिक गैस की औद्योगिक उत्पादन में हिस्सेदारी करीब 38 फीसद की है।
कोयला व बिजली के अलावा स्टील, सीमेंट और उर्वरक के उत्पादन में भी वृद्धि दर्ज की गई है। सीमेंट उत्पादन 11.5 फीसद बढ़ा है, जबकि स्टील में 6.6 फीसद की वृद्धि हुई है। रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में पिछले साल के सितंबर के मुकाबले आठ फीसद की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। उर्वरक क्षेत्र का उत्पादन भी 5.3 फीसद बढ़ा है।
इसके विपरीत प्राकृतिक गैस के उत्पादन तेज गिरावट दर्ज की गई है। सितंबर में इसमें 14 फीसद की कमी हुई है। इस महीने प्राकृतिक गैस अकेला ऐसा उद्योग क्षेत्र है, जिसका उत्पादन कम हुआ है। कच्चे तेल का उत्पादन सितंबर में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 0.6 फीसद बढ़ गया है।
Source- Business News in Hindi
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