पटना। खबरदार रैली के बहाने लोकसभा चुनाव के पहले माले ने फिर अपनी ताकत का अहसास कराया है। वीरचंद पटेल पथ लाल झंडों से पटा दिखा। भारी तादाद में लोग इकट्ठा हुए। यह वही सड़क है जिस पर भाजपा, राजद, जदयू और एनसीपी का राज्य कार्यालय है। यानी उनके दफ्तर के सामने माले नेता (मार्क्सवादी) हुंकार भरते दिखाई दिए।
माले ने भाजपा के साम्प्रदायिक उन्माद को देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए लोगों से एकजुट होने और उसकी हर साजिश का डटकर मुकाबला करने की अपील की है।
मियांपुर और बाथे नरसंहार में अदालत से आरोपियों की रिहाई और भूमि सुधार कानून जैसे मसलों पर नीतीश सरकार की खिंचाई की वहीं महंगाई पर केंद्र सरकार की भरपूर आलोचना। नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में गांधी मैदान में हुए विस्फोटों के बाद जिला प्रशासन के अनुरोध के बाद माले को अंतिम समय में रैली का अपना स्थान बदलना पड़ा। गांधी मैदान के बदले वीरचंद पटेल पथ में एजी कार्यालय के समक्ष मंच पर नेताओं का जुटान हुआ तो जनता मुख्य सड़क पर।
आर ब्लॉक चौराहा से आयकर गोलंबर तक की सड़क आम यातायात के लिए प्रतिबंधित कर दी गई है। पहली बार इस सड़क का इस रूप में रैली के लिए इस्तेमाल हो रहा है। गांधी मैदान के द्वारों को भी माले ने शहीदों के नाम पर किया था, मगर रैली के एक दिन पूर्व पांच और बम मिलने से वहां रैली होने की रही-सही संभावना भी खत्म हो गई। पार्टी के राज्य सचिव कुणाल के अनुसार रैली में उत्तर प्रदेश, झारखंड, दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों से लोग जुटे हैं।
Source: News in Hindi
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