इस्लामाबाद। संघर्ष विराम उल्लंघन के लिए पाकिस्तान सरकार को जिम्मेदार ठहराने के बाद इस्लामाबाद में अचानक शशि थरूर का वीडियो संबोधन रोक दिया गया। भारत और पाकिस्तान के उद्यमियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर रहे भारतीय मानव संसाधन मंत्री थरूर ने कहा था कि पाकिस्तान सरकार का अपने देश की सेना पर कोई नियंत्रण नहीं है।
दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के मकसद से मंगलवार यहां जिन्ना सभागार में आयोजित कार्यक्रम में थरूर ने पाकिस्तान की आलोचना कर भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों तक को सकते में डाल दिया। कार्यक्रम में भारतीय उच्चायुक्त टीसीए राघवन व दूसरे उच्चायोग के अन्य अफसरों के अलावा 22 भारतीय प्रतिनिधि भी हिस्सा ले रहे थे।
करीब नौ मिनट के वीडियो संबोधन में उन्होंने कहा, भारत पाकिस्तान के साथ कश्मीर समेत सभी मुद्दों के समाधान के लिए शिमला समझौते के तहत बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इसके लिए आतंकवाद और हिंसा रहित माहौल बनाना जरूरी है। थरूर ने कहा, 'हालांकि पांच साल पहले मुंबई हमले और हाल ही में सीमा पर बढ़ी घुसपैठ ने पाकिस्तान के आधिकारिक बयानों और सैन्य कार्रवाई के बीच विरोधाभास को उजागर कर दिया है।
यह बताता है कि पाकिस्तान की सरकार का अपनी सेना पर पूर्ण नियंत्रण नहीं है। पाकिस्तान की तरह भारत में सेना विदेश नीति तैयार नहीं करती।'
वैसे, थरूर ने भाषण की शुरुआत तो दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते को बढ़ावा देने की जरूरत के साथ किया था, लेकिन बाद में पाकिस्तान की आलोचना शुरू कर दी। थरूर ने कहा, 'पाक सरकार जिस दिन आतंकवाद को अपने देश की नीति के औजार के रूप में इस्तेमाल करना बंद कर देगी, उस दिन उपमहाद्वीप में शांति की नई सुबह होगी।'
बताया जाता है कि थरूर के भाषण से सभागार में मौजूद करीब 300 लोगों के बीच तनाव का माहौल बन गया और उनका संबोधन रोक दिया गया।
Source: News in Hindi
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