(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। आइपीएल को लेकर तरह-तरह की भावनाएं हैं, कोई कहता है कि इस फॉर्मेट ने खिलाड़ियों को पैसों से मालामाल और असल हुनर में बर्बाद कर दिया, कोई कहता है कि इसने देश के युवा खिलाड़ियों को शुरुआत और रोजी-रोटी दी, कुछ दिग्गजों ने इसे क्रिकेट का फास्ट फूड बताया तो कुछ ने इसे सिर्फ ग्लैमर का तड़का..लेकिन मौजूदा ऑस्ट्रेलिया सीरीज में एक बेहद दिलचस्प चीज देखने को मिली है जिस पर शायद बहुत कम लोगों का ध्यान गया हो। इस सीरीज के अब तक तीन भारतीय हीरो रहे हैं और ये तीनों जीत के नायक अपनी-अपनी आइपीएल टीम के कप्तान हैं।
रोहित शर्मा (मुंबई इंडियंस के कप्तान), विराट कोहली (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के कप्तान) और शिखर धवन (हैदराबाद सनराइजर्स के कप्तान)...यह तीनों खिलाड़ी आइपीएल व चैंपियंस लीग टी20 जैसे धुआंधार फॉर्मेट में अपनी-अपनी टीम की अगुआई कर रहे हैं। टीम इंडिया के ओपनर हैं शिखर धवन और रोहित शर्मा, व उनके बाद पिच पर आते हैं विराट कोहली और मौजूद सीरीज की दो एतिहासिक जीत में इन्हीं 3 खिलाड़ियों का जलवा रहा है, जो किसी से छुपा नहीं है। यानी अब टीम में एक नहीं, दो नहीं, बल्कि धौनी को मिलाकर चार-चार आइपीएल कप्तान हैं।
1. रोहित शर्मा (मुंबई इंडियंस के कप्तान):
मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा जबसे मुंबई के कप्तान बने हैं उनके करियर में जैसे नई लहर आ गई है। आइपीएल-6 का खिताब और चैंपियंस लीग का खिताब तो जीता ही, साथ ही चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय जीत में अहम भूमिका निभाई और अब मौजूद ऑस्ट्रेलिया सीरीज में वह एक शतक (141) व एक अर्धशतक (79) जड़ चुके हैं। 350 से ऊपर के लक्ष्य को हासिल करते हुए भारत की दो एतिहासिक जीत में उनका अहम योगदान रहा है। इसके अलावा आइपीएल सीजन 6 में उन्होंने मुंबई इंडियंस की तरफ से सबसे ज्यादा रन भी बनाए। उन्होंने सीजन-6 के 19 मैचों में 131.51 की स्ट्राइक रेट से 538 रन बनाए थे। जिसमें 4 अर्धशतक शामिल रहे।
2. शिखर धवन (हैदराबाद सनराइजर्स के कप्तान):
दिल्ली के शिखर धवन को यूं तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में पहचान बहुत देर से मिली, लेकिन जब मिली तो वो इसका फायदा उठाने से कभी भी नहीं चूके। फिर चाहे वो उनके टेस्ट करियर का आगाज हो या फिर वनडे का। धवन ने कंगारुओं के खिलाफ मौजूदा सीरीज में दो एतिहासिक जीतों में अहम भूमिका निभाई, व एक शतक (100) और एक अर्धशतक (95) जड़ा। उनकी बल्लेबाजी की सभी खूबियों को देखते हुए ही हैदराबाद फ्रेंचाइजी के अधिकारी भी उन्हें कप्तानी सौंपे बिना नहीं रह सके थे। इस समय धवन अपने चरम पर हैं और सनराइजर्स के कप्तान भी बन गए हैं। आपको बता दें कि चैंपियंस लीग टी20 में कप्तान बनते ही धवन में एक नई चमक नजर आई और वह इस टूर्नामेंट के दूसरे नंबर के सर्वाधिक स्कोर बनाने वाले खिलाड़ी रहे, उन्होंने 6 मैचों में 134.40 की स्ट्राइक रेट से 250 रन बनाए, जिसमें दो अर्धशतक शामिल रहे।
3. विराट कोहली (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के कप्तान):
दिल्ली के इस दिलेर के बारे में फिलहाल जितना कहा जाए कम होगा। 2008 अंडर-19 विश्व कप जीत के बाद से इस खिलाड़ी ने पिछले 5-6 सालों में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हाल में जब जिंबॉब्वे दौरे पर उन्हें कप्तान बनने का मौका मिला तो उन्होंने अपनी युवा टीम के साथ 5-0 से क्लीन स्वीप करके नया इतिहास रच डाला। आइपीएल में वो बैंगलोर के कप्तान थे और टूर्नामेंट में रन बनाने के मामले में तीसरे स्थान पर भी रहे व भारतीय खिलाड़ियों में सबसे ऊपर रहे। उन्होंने टूर्नामेंट के 16 मैचों में छह अर्धशतक लगाए और 138.73 की स्ट्राइक रेट से 688 रन बनाए। इसके अलावा मौजूदा कंगारू सीरीज में उन्होंने दो शतक जड़े और 350 के ऊपर के लक्ष्य को हासिल करने वाली दोनों एतिहासिक जीत में उनकी भूमिका शानदार रही। जयपुर में उन्होंने भारत की तरफ से सबसे तेज शतक जड़ा (नाबाद 100), जबकि नागपुर में उन्होंने भारतीय वनडे इतिहास का तीसरा सबसे तेज शतक जड़ा (नाबाद 115)।
हमारे कहने का मतलब यह नहीं है कि आइपीएल की कप्तानी की वजह से इन खिलाड़ियों के खेल में बदलाव आया है, लेकिन जाहिर तौर पर कहीं ना कहीं आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदारी को निभाने और पीछे मुड़कर किसी का मुंह ना देखने का रवैया जरूर इनके अंदर समा चुका है। धौनी ने काफी पहले ही साफ कर दिया था कि वह 2015 तक शायद किसी एक फॉर्मेट को अलविदा कह देंगे और अगले विश्व कप के बाद शायद वह पूरी तरह संन्यास पर विचार भी करने लगें, ऐसे में क्या इन तीन धुरंधरों की मौजूदगी से कप्तानी का विकल्प खुलता नहीं दिख रहा है? क्या यही देंगे धौनी की कप्तानी को टक्कर?
Source- Cricket News in Hindi
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