आजमगढ़ के आइटीआइ कालेज मैदान में 'देश बचाओ, देश बनाओ' रैली में आजम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता न वजीर हैं, न सरकारी अधिकारी, फिर भी कोई आइबी अधिकारी उनके कमरे में कैसे पहुंच गया? अगर यह बात सच है तो आइबी के ऐसे दरोगा को गिरफ्तार कर जेल में डालना चाहिए। उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिये बगैर इशारों में कहा कि पटना विस्फोटों से यह संदेह है कि आइएसआइ और उनके बीच कोई रिश्ता है। कांग्रेस महासचिव उन युवकों का नाम बतायें जिनके आइएसआइ से संपर्क होने की बात उन्होने कही है। कहा कि यह मेरा इल्जाम है, जिसका जवाब आज ही दिया जाए।
बोले, केंद्र सरकार मुसलमानों को तबाह-बर्बाद करने पर जुटी है। नौ साल से सांप्रदायिकता निरोधी आतंकवाद बिल को रद्दी की टोकरी में डाले रखा। अगर बिल पास करा दिया जाता तो मुजफ्फरनगर दंगा नहीं होता। आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अगर खाद्य सुरक्षा बिल पास कराने के लिए विपक्षी दलों के पैर पर टोपी रख सकती है तो फिर दंगा निरोधी बिल को संसद में पेश क्यों नहीं कर रही है।
आजम ने जौहर अली मेडिकल विश्वविद्यालय का कार्यक्रम रद करने को मुजफ्फरनगर के दंगों से जोड़ते हुए कहा कि जब तक एक भी इंसान राहत शिविर में रहेगा, तब तक वह कोई भी जलसा नहीं करेंगे। मुसलमानों को सच्चर कमेटी की सिफारिशें नहीं चाहिए, उसे बस सरकारी नौकरियों में आबादी के आधार पर आरक्षण दे दिया जाए।
Source- News in Hindi
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