हनोई/रियाद। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर सरकार विरोधी टिप्पणी करने पर वियतनाम में जहां एक व्यक्ति को 15 महीने घर में नजरबंद रखने की सजा सुनाई गई है वहीं सऊदी अरब में पैगंबर मुहम्मद साहब के साथ काल्पनिक बातचीत को ट्विटर पर पोस्ट करने पर 2012 से जेल में बंद ब्लॉगर को मंगलवार को रिहा कर दिया गया।
वियतनाम के दक्षिणी प्रांत लांग एन की एक कोर्ट में एक दिन की सुनवाई के बाद 30 वर्षीय दिन्ह नहत उय को यह सजा सुनाई गई। सरकार विरोधी प्रचार करने पर उसके भाई को जेल में डाल दिए जाने के खिलाफ उय ने इंटरनेट पर अभियान चला रखा था जिसके लिए उसे यह सजा दी गई। उय के वकील हा हुए सन ने बताया कि उसे 15 महीने की सजा सुनाई गई है जिसे निलंबित रखा गया है।
जबकि सऊदी अरब में 20 वर्षीय हमजा काशगरी नामक युवक ने अपनी इस कल्पना को ट्विटर पर पोस्ट किया था। इसके बाद कुछ कट्टपंथियों द्वारा जान से मार दिए जाने की धमकी मिलने पर वह पिछले वर्ष फरवरी में मलेशिया भाग गया था। कुछ दिन बाद ही वहां से उसका प्रत्यर्पण करा कर सऊदी लाया गया और जेल में डाल दिया गया। हमजा के एक दोस्त ने बताया कि बीस महीने बाद मंगलवार सुबह उसे जेल से रिहा कर दिया गया।
Source: News in Hindi
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