Tuesday, 29 October 2013

PM, Narendra Modi Share Stage Amid Battle over Sardar Patel's Legacy

Prime Minister of India


जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की विरासत पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासत गरमा गई है। मंगलवार को अहमदाबाद से दिल्ली तक दोनों राष्ट्रीय दलों के बीच पटेल के बहाने कई चक्र जुबानी गोलीबारी हुई। सबसे दिलचस्प सियासी मुकाबला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अहमदाबाद में हुआ। सरदार पटेल संग्रहालय के उद्घाटन समारोह में मोदी ने अपने ही अंदाज में प्रधानमंत्री पर तंज कसा, तो उन्हें जवाब भी करारा मिला।
इससे पहले दिल्ली से संप्रग के केंद्रीय मंत्रियों ने सरदार पटेल की प्रतिमा स्थापित करने के कार्यक्रम के नाम पर मोदी पर हमला बोला, तो भाजपा ने तंज कस दिया कि नेहरू-गांधी खानदान के अलावा अन्य महापुरुषों के नाम पर कांग्रेस के पेट में दर्द होता है। 

अहमदाबाद में सरदार पटेल स्मारक के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री एक घंटे देर से पहुंचे। पहले वह राजीव गांधी भवन में कांग्रेसियों के पास गए थे। बस कार्यक्रम शुरू होते ही मोदी ने पटेल पर राजीव गांधी को वरीयता देने पर प्रधानमंत्री पर तंज कसा। साथ ही कहा कि नेहरू के बजाय पटेल के देश का पहला प्रधानमंत्री बनने पर हालात ही दूसरे होते। इस बीच, बार-बार मोदी मंच से प्रधानमंत्री को यह याद दिलाते रहे कि उनकी केंद्र सरकार ने देश में सबसे ज्यादा 90 बार सुशासन के लिए गुजरात सरकार को पुरस्कार दिए हैं।

वहीं, प्रधानमंत्री के साथ-साथ कार्यक्रम के आयोजक सरदार पटेल ट्रस्ट के अध्यक्ष व कांग्रेस नेता दिनिशा पटेल ने भी मोदी को मुंहतोड़ जवाब दिया। दिनिशा पटेल ने कहा कि कुछ लोग सिर्फ बातें करते हैं। सरदार पटेल काम करने वाले थे। गुजरात सरकार की तरफ से पटेल के संग्रहालय को आर्थिक मदद नहीं देने पर कहा कि सबने मदद की। यहां तक कि एक मजदूर ने भी दो रुपये चंदा दिया। हालांकि, मोदी ने इसका जवाब भी दिया कि हजार करोड़ की जमीन गुजरात सरकार ने एक रुपये में ट्रस्ट को दी। कार्यक्रम में मोदी के भाषण के दौरान लोगों ने नारेबाजी की और 'फेंकू-फेंकू' कहा। वहीं, पीएम के भाषण से पहले 'देश का नेता कैसा हो, मनमोहन सिंह जैसा हो' के नारे भी लगे।

प्रधानमंत्री ने पटेल की विरासत पर मोदी के दावे को ध्वस्त करते हुए कहा कि सरदार पटेल भारत के महान सपूत थे। उन्होंने देश की एकता-अखंडता के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया। पांच सौ से ज्यादा रजवाड़े एक किए। नेहरू-पटेल के बीच खाई दिखाने की मोदी की कोशिशों पर पीएम ने कहा कि दोनों के बीच गहरा सम्मान और भरोसा था। सरदार पटेल से सलाह लेने के लिए नेहरू हमेशा उत्साहित रहते थे।

यहां दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों सलमान खुर्शीद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, पीसी चाको ने मोदी के 31 अक्टूबर को सरदार सरोवर बांध पर लौहपुरुष की दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित करने के कार्यक्रम पर जोरदार हमला बोला। जवाब में भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कांग्रेसियों को नेहरू-गांधी खानदान के अलावा किसी भी महान हस्ती को सम्मान देने पर पेट में दर्द होने लगता है। 

आमने-सामने
-समय कम है। कार्यक्रम देर से शुरू हो सका क्योंकि प्रधानमंत्री को राजीव गांधी भवन जाना जरूरी था।
-अगर सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो आज इतिहास अलग ही होता।
-नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री, गुजरात
-------
-सरदार धर्मनिरपेक्ष विचारधारा को मानने वाले थे और उन्होंने जीवन भर जोड़ने का काम किया।
-मुझे गर्व है कि पटेल ने जिस पार्टी को मजबूत करने में पूरा जीवन बिताया, मैं उसी पार्टी से जुड़ा हूं।
-मनमोहन सिंह, प्रधानमंत्री
--
'भाजपा और संघ गांधीजी व सरदार पटेल को हथियाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास एक भी ऐसा नेता नहंी है जो आजादी की लड़ाई में शामिल होने का दावा कर सके। मैं उन सरदार पटेल की प्रतिमा बनवाने के लिए मोदी को बधाई दूंगा, जिन्होंने सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के लिए संघ पर पाबंदी लगा दी थी।'
-दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव


Source- News in Hindi

No comments:

Post a Comment