श्रीनगर [जागरण ब्यूरो]। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को केरन घुसपैठ को मीडिया हाईप करार देते हुए कहा कि कहा कि पाकिस्तान जब तक घुसपैठ और आतंकवाद को समर्थन देता रहेगा, तब तक उससे संबंध सामान्य नहीं हो सकते। यहां रॉयल स्प्रिंग गोल्फ कोर्स में 17वें अखिल भारतीय पुलिस गोल्फ प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत में उमर ने कहा कि केरन में करगिल जैसी स्थिति नहीं थी। इसे टीवी चैनलों और मीडिया ने अनावश्यक तौर पर हाईप और तूल देकर करगिल-2 बना दिया।
मुख्यमंत्री ने 15 दिनों बाद गत मंगलवार को समाप्त हुए केरन अभियान पर किसी तरह की टिप्पणी से बचते हुए कहा कि यह सेना का विषय है। सेना ने ही वहां अभियान चलाया था और इसमें पुलिस या नागरिक प्रशासन की कोई भूमिका नहीं थी। अगर आप लोगों को इस बारे में कोई सवाल करना है तो सेना से कीजिए। मेरे पास ऐसे सवालों का कोई जवाब नहीं है।
उन्होंने कहा कि केरन मे घुसपैठियों के खिलाफ अभियान को करगिल-2 करार मीडिया ने ही दिया है। कहीं आपने सेना, नागरिक प्रशासन या केंद्र सरकार द्वारा इसे करगिल द्वितीय कहते सुना है। यह नाम आपने मीडिया ने ही दिया है और आप इसके लिए सेना को कैसे जिम्मेदार ठहरा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केरन घुसपैठ में पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर बैठे आतंकी सरगनाओं व उनके संरक्षकों ने नई रणनीति अपनाई है। पहले वह पांच-छह घुसपैठियों के दल की घुसपैठ कराते थे। लेकिन अब इसमें मुश्किल होने के बाद उन्होंने 30-40 आतंकियों को एक साथ घुसपैठ कराने की रणनीति अपनाई है। उन्हें लगता है कि अगर 40 में से चार-पांच भी घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं तो उनका मसूंबा सफल हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि गर्मियों में घुसपैठ के प्रयास लगातार होते रहे हैं, जैसे-जैसे सर्दियां नजदीक आती जाएंगी, सरहद पार से घुसपैठ की कोशिशों में भी तेजी आएगी, क्योंकि सर्दियों में घुसपैठ लगभग असंभव हो जाती है। इसलिए सरहद पार बैठे लोग सर्दियों से पहले ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को इस तरफ घुसपैठ कराने का प्रयास करेंगे।
पाकिस्तान के साथ संबंधों के संदर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि घुसपैठ, आतंकवाद और बातचीत साथ साथ नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री डा. सिंह ने न्यूयार्क में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मियां नवाज शरीफ को स्पष्ट शब्दों में कहा है कि घुसपैठ और सरहद पर जंगबंदी के उल्लंघन की घटनाओं पर अंकुश लगना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों मुल्कों के प्रधानमंत्रियों के बीच न्यूयार्क में हुई बातचीत के बाद ही दोनों मुल्कों के डीजीएमओ में बातचीत की प्रक्रिया और व्यवस्था दोबारा बहाल हुई। उन्होंने कहा कि इस सबके बीच यह मान लेना कि जंगबंदी और घुसपैठ के वाबजूद दोनों मुल्कों में संबंध सामान्य होंगे, गलत है। बातचीत होनी चाहिए, लेकिन हम जिस नतीजे के लिए बातचीत करना चाहते हैं, वह तब तक हासिल नहीं हो सकता, जब तक सरहद पार से आतंकवाद, घुसपैठ और जंगबंदी के उल्लंघन जैसी घटनाएं जारी रहेंगी।
अलबत्ता, उन्होंने भारत-पाक के बीच किसी भी स्थिति में बातचीत की प्रक्रिया को जारी रखने का समर्थन करते हुए कहा कि जब दोनों मुल्कों में बातचीत बंद थी, तब भी सरहद पार से घुसपैठ हो रही थी,आतंकवाद को संरक्षण मिल रहा था।
Source: News in Hindi
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