जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। साकेत कोर्ट ने माता-पिता की मर्जी के विरूद्ध शादी करने वाली नाबालिग लड़की को स्पेशल होम से हटाकर उसके पति को सौंपने का आदेश दिया है। पति नाबालिग लड़की का अपहरण कर शादी करने के आरोप में सजा भी काट चुका है। नाबालिग लड़की के परिजनों ने जब उसे अपने साथ रखने से इंकार कर दिया तो जिला न्यायधीश इना मल्होत्रा ने लड़की को उसके पति विजेंद्र सिंह को सौंपने का आदेश दिया।
मामले की सुनवाई के दौरान नाबालिग लड़की की मां व उसके पति विजेंद्र सिंह की मां कोर्ट में मौजूद थी। लड़की ने अपने माता-पिता के साथ रहने से इंकार कर दिया और अपने पति के साथ रहने की इच्छा जाहिर की। पिछले साल विजेंद्र सिंह ने लड़की से शादी कर ली थी। तब लड़की की उम्र साढ़े पंद्रह साल थी। लड़की के माता-पिता की ओर से विजेंद्र सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए जाने पर उसे लकड़ी के अपहरण का दोषी ठहराया गया था। इसके लिए विजेंद्र सिंह को जेल हुई थी और कोर्ट ने उस पर 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। हालांकि, लड़की ने कोर्ट में बयान दिया था कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है।
उधर, लड़की के माता-पिता ने भी उसे अपने साथ रखने से इंकार कर दिया। इसलिए उसे स्पेशल होम में भेज दिया गया था। विजेंद्र सिंह ने बाल कल्याण आयोग में अर्जी दायर कर कहा था कि वह अपनी पत्नी को साथ रखना चाहता है। आयोग ने यह कहते हुए अर्जी रद्द कर दी थी कि नाबालिग से शादी बाल विवाह रोकथाम अधिनियम कानून का उल्लंघन है। बाद में विजेंद्र सिंह ने निचली अदालत में अर्जी दायर कर आयोग के फैसले को चुनौती दी।
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