जागरण ब्यूरो, लखनऊ। मुजफ्फरनगर में दंगा फैलाने के नामजद आरोपी और मदरसा संचालक मौलाना नजीर शनिवार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के मेहमान थे। उन्हें कुछ अन्य अल्पसंख्यक धार्मिक नेताओं के साथ विशेष हवाई जहाज से लखनऊ लाया गया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व मुलायम सिंह ने उनसे मुलाकात करके पश्चिम उत्तार प्रदेश में शांति कायम करने में सहयोग मांगा। सरकार के सद्भाव अभियान का यह चेहरा सामने आने के बाद प्रदेश की सियासत और गरमा गई है। भाजपा आंदोलन के मूड में है और मामला कोर्ट में ले जाने की तैयारी है।
शनिवार को मुख्यमंत्री से मिले पश्चिम उप्र के मुस्लिम धार्मिक नेताओं में मुजफ्फरनगर जिले में जानसठ के मदरसा संचालक मौलाना नजीर भी शामिल थे। मौलाना नजीर के विरुद्ध जानसठ थाने में निषेधाज्ञा के उल्लंघन, भीड़ जुटाने, सरकारी अधिकारी से हाथापाई और धार्मिक उन्माद भड़काने की धाराओं में मुकदमा दर्ज है। इन्ही धाराओं में भाजपा के विधायकों सुरेश राणा और संगीत सोम पर भी केस दर्ज है। राणा और सोम को जेल भेज उन पर रासुका लगाने की कार्रवाई की जा चुकी है। मौलाना को शांतिदूत बनाए जाने पर भाजपा भड़की हुई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी सरकार की एकपक्षीय कार्रवाई और बहुसंख्यक वर्ग के उत्पीड़न दो अक्टूबर से आंदोलन की चेतावनी दी है। सपा नेता राशिद सिद्दीकी को लेकर सरकार पहले ही सवालों में घिरी है। मुजफ्फरनगर की विवादित पंचायत में वह भी मौजूद थे, लेकिन कार्रवाई के बजाय सरकार ने उनकी सुरक्षा में लगे गनर की संख्या बढ़ा दी है।
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