Tuesday, 1 October 2013

News in Hindi: Situation is still not good in riots hit area


Muzaffarnagar riots

संजीव जैन, मेरठ। सरधना तहसील क्षेत्र में ठाकुर चौबीसी के 24 गांव। खासकर गांव खेड़ा, जहां पर रविवार को पुलिस की नाकेबंदी के बीच हाथों में लाठी डंडे लिए महिलाएं, पुरूष, बच्चे व बुजुर्ग उग्र नजर आ रहे थे, सोमवार को वहां की फिजां में खौफ तैरता रहा। गिरफ्तारी के डर से बड़ी संख्या में लोग खेतों में छिपे नजर आए। पुलिस की गाड़ियां देखते ही इन गांव में महिलाएं छतों पर खड़े होकर टकटकी लगाए पुलिस की गाड़िया देखती नजर आईं। कई स्थानों पर पीड़ितों ने जरूर महापंचायत के दौरान पुलिस प्रशासन दिए गए जख्म जरूर दिखाए।
खेड़ा स्थित जनता इंटर कालेज के जिस परिसर में रविवार को महापंचायत के बाद बवाल हुआ, वहां सन्नाटा पसरा नजर आया। आरएएफ की दो कंपनी इस कालेज में तैनात रही पर परिसर में अफसरों की गाड़ियों के टूटे शीशे व अन्य सामान, कालेज का टूटा फर्नीचर, प्रवेश द्वार पर सैकड़ों टूटे हुए जूते-चप्पल, बाहर जले हुए तीन वाहन, टूटी दीवार व बिखरी ईंटें पड़ीं थीं। इस परिसर के आसपास खून से सने हुए डंडे, रबर की गोली इस बात का इंगित कर रही थी कि भगदड़ में बड़ी संख्या में लोग यहां घायल हुए। 

करीब एक किमी चलने के बाद साढ़े बारह हजार की आबादी वाला गांव खेड़ा, जहां के 1600 युवा फौज में तैनात रहे हैं। इस गांव में चारों ओर खाकी का पहरा नजर आ रहा था। एक कंपनी अर्धसैनिक बल यहां चार स्थानों पर तैनात नजर आया। चार चौराहों पर चौपाल भी सजी नजर आई। गांव में यशवंत, दीपक, रानी, पदमावती की मानें तो पुलिस ने उन पर फायरिंग की। 

वृद्ध महिलाओं पर लाठीचार्ज किया। रविन्द्र का पैर टूट गया। सविता पैर में चोट लगने के कारण चल नहीं पा रही है। राजू का हाथ टूट गया, पर उसकी डाक्टरी भी नहीं होने दी जा रही है। 1रार्धना। यहां का मोहित जिदंगी व मौत से सुभारती अस्तपाल में जूझ रहा है। ग्रामीणों की माने तो ईश्वर चंद, रंजीत, प्रहलाद को चोट आई हैं। उन पर लाठीचार्ज किया गया। एमएलए संगीत सोम के गांव आलमगीर राजपुर फरीदपुर के श्रीपाल को गोली लगी है। उनका मेरठ के होप अस्तपाल में इलाज चल रहा है। 

राकेश, दिनेश, ओमवीर घायल हैं। गांव मुल्हेड़ा, बपारसी, गोटका, राजपुर मोमीन, टेहरकी, कालंदी, नवादा, नहाली, पाल्ली, भामौरी, आक्खेपुर, सलावा, कुशावली, दौलतगढ़, अटरेना, कपसाड, सलावा खेड़ी, रूहासा, दुल्हेड़ा व मटौर में भी ऐसा ही माहौल है। 

सैकड़ों लोग पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए हैं, पर पुलिस के खौफ के चलते वह अपने घरों से बाहर नही निकल रहे है। गिरफ्तारी के डर से लोग खेतों में छिपे हैं। अधिकांश लोग गांवों से बाहर इधर-उधर छुपे हैं।

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