गाजियाबाद [आशुतोष गुप्ता]। अपनी बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहे तलवार दंपति को डासना जेल में काम मिल गया है। डॉ. राजेश तलवार जेल चिकित्सकों की सहायता करेंगे तो डॉ. नूपुर तलवार जेल परिसर स्थित स्कूल में बच्चों व महिलाओं को पढ़ाएंगीं। दांतों के डॉक्टर के रूप में कभी हजारों रुपये फीस लेने वाले तलवार दंपति को मात्र 40 रुपये प्रतिदिन मेहनताना मिलेगा।
हमेशा साथ दिखने वाले तलवार दंपति जेल के पार्क में हफ्ते में सिर्फ एक बार मिल सकेंगे। वह भी मात्र 20 मिनट के लिए। दोनों को अलग-अलग बैरक में रखा गया है। जेल नियमों के मुताबिक सप्ताह में एक बार अवकाश के दिन शनिवार को उन बंदियों को आपस में मिलाया जाता है, जिनके परिजन उसी जेल में बंद हैं। इसके अलावा दोनों लोगों को महीने में इच्छानुसार तीन अतिरिक्त अवकाश भी मिलेंगे।
हाई प्रोफाइल जीवन जीने वाले डॉक्टर दंपति को जेल में साधना, आस्था, योग व स्वास्थ्य संबंधी चैनल देखने को मिलेंगे। शाम सात से साढ़े सात बजे तक न्यूज चैनल चलाया जाएगा। नियमों के मुताबिक, सात साल से अधिक सजा वाले कैदी को जिला जेल से सेंट्रल जेल स्थानांतरित किया जाता है। ऐसे में तलवार दंपति ने जेल प्रशासन से सेंट्रल जेल न भेजे जाने क अनुरोध किया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में उनका खाता खुलवाया जाएगा, जिसमें उनका मेहनताना जमा होगा।
तीनों समय लिया भोजन : मंगलवार को डॉ नूपुर की तबीयत खराब होने के बाद रात को डॉक्टरों ने तलवार दंपति को उनकी बैरकों में जाकर समझाया कि यदि वह पूरी नींद व खाना नहीं लेंगे तो उनकी तबीयत और बिगड़ जाएगी। जेल सूत्रों के अनुसार, डॉक्टरों ने जांच में पाया कि दोनों कई दिनों से नहीं सोए थे। उनकी सलाह के बाद तलवार दंपति ने बुधवार को तीनों समय खाना खाया।
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