ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। फांसी पर लटकाए जा चुके लश्कर-ए-तैयबा आतंकी अजमल कसाब से जुड़ी गोपनीय जानकारी सार्वजनिक करके महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल विवादों में घिर गए हैं। शिवसेना ने राज्यपाल को पत्र लिखकर पाटिल को पद से हटाने की मांग की है। पाटिल ने हाल में एक मराठी समाचार पत्र के दीपावली विशेषांक में चार पृष्ठ का लेख लिखकर कसाब की फांसी व उसे दफनाने से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक की है। नवंबर, 2012 में कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी देने के बाद ये जानकारी सुरक्षा कारणों से गुप्त रखी गई थी।
पाटिल ने लेख में लिखा है कि कसाब को फांसी देने के बाद उसे दफनाने के लिए यरवदा जेल के कैदियों से ही जेल परिसर में तीन स्थानों पर कब्रें खुदवाई गई थीं। कसाब को दफनाने से पहले धार्मिक विधियां पूरी करने के लिए ऐसे मौलवी को बुलाया गया था, जिसका पिता यरवदा जेल का ही कर्मचारी है। शिवसेना के विधान परिषद सदस्य अनिल परब ने राज्यपाल के. शंकरनारायणन को पत्र लिखकर पाटिल को गृह मंत्री पद से हटाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पाटिल ने मंत्री पद की पद व गोपनीयता की शपथ को भंग किया है। परब के अनुसार यरवदा जेल में मुस्लिम कर्मचारी गिनती के ही हैं। ऐसे में यह पता करना मुश्किल नहीं है कि किस कर्मचारी के मौलवी बेटे ने धार्मिक विधियां संपन्न कराई थीं। यह लेख उस मौलवी की जान के लिए खतरा बन सकता है।
कसाब 26 नवंबर, 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले में पकड़ा गया एकमात्र जिंदा आतंकी था। इस हमले के बाद पाटिल को अपने एक बयान के कारण गृह मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। उन्होंने कहा था कि बड़े-बड़े शहरों में ऐसी छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं। नए विवाद से वह फिलहाल यह कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने शिवसेना विधायक का राज्यपाल को भेजा पत्र नहीं देखा है। फिर भी दिसंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में यह मुद्दा उनके लिए मुसीबत बन सकता है।
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