नई दिल्ली। बिहार के पूर्व बाहुबली सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने अपनी किताब 'द्रोहकाल के पथिक' के जरिए कुछ खुलासे कर भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया है। उन्होंने अपनी किताब के जरिए दावा किया है कि वर्ष 2001 में एनडीए के समर्थन के लिए पैसे बांटे गए थे।
अपनी किताब में उन्होंने दावा किया है कि भाजपा ने कुछ सांसदों को जहां मंत्री पद देने का वादा किया वहीं कुछ को इसके ऐवज में कार भेंट दी गई थी। इसके अलावा सांसदों को मोटी रकम भी दी गई। उन्होंने इसके पीछे सीधे-सीधे पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का नाम लिया है। हालांकि सिन्हा ने इस तरह के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। पप्पू यादव का कहना है कि उन्होने पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ पारिवारिक रिश्ते होने की वजह से यह डील कबूल की थी।
पप्पू यादव का दावा है कि 3 सांसदों को 2001 में एनडीए के पक्ष में आने के लिए यशवंत सिन्हा की तरफ से रकम दी गई थी। उन्होंने कहा है कि 2008 में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस और भाजपा ने सांसदों को समर्थन के लिए 40-40 करोड़ रुपए देने की पेशकश की थी। उनके मुताबिक, 2001 में एनडीए सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इंडियन फेडरल डेमोक्रेटिक पार्टी के 3 सांसदों को एनडीए का हिस्सा बनने के लिए पैसा दिया था।
पप्पू यादव के मुताबिक, सांसदों की कीमत को लेकर सौदेबाजी हुई थी। सांसद अनवारुल हक को एक ऐक्संट कार के साथ 1 करोड़ रुपया भी मिला था। नागमणि को भी तत्काल 1 करोड़ रुपए दिए गए थे और बाद में राज्यमंत्री का पद देने का भरोसा दिलाया गया था।
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