Wednesday, 27 November 2013

Cops get their hands on SpeakAsia scam promoters

SpeakAsia fraud
नई दिल्ली [जासं]। ऑनलाइन सर्वे के नाम पर 24 लाख लोगों से धोखाधड़ी कर करीब एक हजार करोड़ रुपये ठगने वाली कंपनी स्पीक एशिया से जुड़े एक अन्य आरोपी को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान 36 वर्षीय सतीश पाल के रूप में हुई है। वह मंगलवार को गिरफ्तार किए गए कंपनी के भारत प्रमुख राम सुमिरन पाल का सहयोगी रहा है।

कंपनी बंद होने के बाद वह मलेशिया भाग गया था। वहां वह होटल व्यवसाय चला रहा था। उस पर इस मामले के अन्य आरोपियों को शरण देने का भी आरोप है। क्राइम ब्रांच ने राम सुमिरन पाल को जब कनॉट प्लेस से गिरफ्तार किया था तो सतीश भी उसके साथ ही था। उसे क्राइम ब्रांच दफ्तर लाया गया, लेकिन एफआइआर में नाम न होने पर छोड़ दिया गया था।

मंगलवार को मुंबई पुलिस ने फैक्स से सूचित किया कि सतीश भी स्पीक एशिया घोटाले का आरोपी है। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम ब्रांच) रविंद्र यादव ने बताया कि सतीश दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक है। 2007 में वह मुंबई में राम सुमिरन व उसके भाई राम निवास के संपर्क में आया था। उसने राम सुमिरन की कंपनी 'सेवन रिंग्स' में काम शुरू किया। 2011 में कंपनी बंद होने पर वह मुंबई से भाग कर दिल्ली के नजफगढ़ में आया।

फर्जीवाड़े की कमाई से 2012 में उसने मलेशिया की कंपनी 'वेब एक्सल सॉल्यूशन' खरीदी। कंपनी के प्रोफाइल पर उसको मलेशिया जाने के लिए वर्क परमिट मिल गया था। 

इंटरपोल से डर गया : पूछताछ में सतीश ने बताया कि मलेशिया जाकर उसने होटल व्यवसाय शुरू किया। राम सुमिरन तथा अन्य कई आरोपी भारत में पुलिस का दबाव पड़ने पर नेपाल के रास्ते मलेशिया आकर उसके फ्लैट में ही शरण लेते थे। इस साल की शुरुआत में जब सतीश ने सुना कि मुंबई पुलिस उसके खिलाफ इंटरपोल से मदद मांग रही है, तो डर की वजह से परिवार समेत नेपाल के रास्ते भारत लौट आया। सतीश के खिलाफ हरियाणा के सोनीपत और मुंबई में धोखाधड़ी के पांच मामले दर्ज हैं।



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