नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। जनरल मोटर्स प्रकरण के बाद सरकार के सख्त रवैये को देखते हुए ऑटो कंपनियों ने खुद ही तकनीकी खामियों वाली कारों को वापस लेना शुरू कर दिया है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी ने अक्टूबर में बनी अपनी 1492 कारें वापस बुलाने की घोषणा की है। इनमें अर्टिगा, स्विफ्ट, डिजायर, ए-स्टार शामिल हैं।
कंपनी ने कहा है कि 19 अक्टूबर से 26 अक्टूबर के बीच जो वाहन बने हैं उनके स्टीयरिंग कॉलम में कुछ समस्या हो सकती है। कितने वाहनों में यह गड़बड़ी है इसका पता जांच-पड़ताल के बाद ही चलेगा। इसे ठीक करने का खर्च कंपनी खुद उठाएगी। मारुति ने रीकॉल का यह फैसला तब किया है जब केंद्र सरकार ने जनरल मोटर्स को तकनीकी खामियों वाली कारों को भी बेचने की मंजूरी सरकारी एजेंसियों से दिला दी थी।
जनरल मोटर्स इंडिया के दोनों कारखानों की जांच के लिए दो समितियां भी गठित की गई हैं। केंद्र सरकार ने ऑटो कंपनियों को हिदायत दी है कि वे गड़बड़ी वाले वाहनों को अपने स्तर पर ग्राहकों से वापस लेने और उन्हें ठीक करने की कठोर नीति बनायें। ऑटो कंपनियों के संगठन सोसायटी ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सियाम) ने भी कंपनियों को इस बारे में स्वैच्छिक नीति बनाने को कहा है। मारुति ने बताया है कि उसने 592 स्विफ्ट, 306 अर्टिगा, 581 डिजायर और 13 ए-स्टार को वापस बुलाया है। इससे पहले वर्ष 2010 में कंपनी ने एक लाख ए-स्टार को वापस लिया था।
फोर्ड ने रीकॉल की डेढ़ लाख कारें :
अमेरिकी ऑटो कंपनी फोर्ड करीब डेढ़ लाख एस्केप कारें वापस लेगी। इन कारों के इंजन में आग लगने का खतरा सामने आया है। कंपनी की अक्टूबर 2011 से जून 2013 के बीच बनी 1.6 लीटर इंजन वाली कारों में यह खराबी पाई गई है। इस मॉडल की 1,39,917 कारें वापस ली जाएंगी। इन कारों के इंजन सिलेंडर ज्यादा गर्म हो रहे हैं। ऐसे में तेल रिसाव पर इंजन में आग लग सकती है।
इसके अलावा कंपनी पिछले साल वापस ली गई 9,469 कारों को भी दोबारा जांच के लिए वापस (रीकॉल) लेगी। इन कारों में भी तेल रिसाव होने पर आग लगने की आशंका पाई गई थी। इन वाहनों में ईधन की ज्यादा गंध होने के कारण इस बात की आशंका है कि इनकी रिपेयरिंग सही तरीके से नहीं हुई है।
Source- Business News in Hindi
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