चेन्नई। बहुचर्चित शंकररमन हत्याकांड में पुडुचेरी की अदालत बुधवार को अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती और उनके सहायक विजयेंद्र मुख्य अभियुक्त हैं।
नौ वर्षो से ज्यादा समय तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद पुडुचेरी के मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश सीएस मुरुगन निर्णय सुनाएंगे। कांचीपुरम (तमिलनाडु) स्थित वरदराजपेरुमल मंदिर के प्रबंधक शंकररमन की 3 सितंबर, 2004 को हत्या कर दी गई थी। जयेंद्र सरस्वती की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2005 में मामले की सुनवाई को तमिलनाडु से पुडुचेरी स्थानांतरित कर दिया था। इस हत्याकांड में कुल 24 लोगों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं। जयेंद्र सरस्वती को अभियुक्त नंबर एक और विजयेंद्र को अभियुक्त नंबर दो बनाया गया है।
एक आरोपी कतिरावन की इस साल मार्च में हत्या कर दी गई थी। कांची मठ के एक अन्य मैनेजर सुंदरेशन और जयेंद्र सरस्वती के भाई रघु को साजिशकर्ता के रूप में सह आरोपी बनाया गया है। मामले की सुनवाई के दौरान (2009 से 2012) 189 लोगों की गवाही हुई, जिनमें से 83 गवाह बाद में मुकर गए। पुडुचेरी के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के निर्देश पर विशेष लोक अभियोजक और बचाव पक्ष की ओर से दी गई याचिका में कहा गया है कि उन्हें अदालत द्वारा फैसला सुनाने में कोई आपत्ति नहीं है। इसी आशय का एक प्रतिवेदन शंकररमन के बेटे आनंद शर्मा की ओर से भी अदालत को दिया गया है।
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