नई दिल्ली। टाटा समूह ने बैंकिंग कारोबार में उतरने का इरादा छोड़ दिया है। इसी वजह से समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने बैंक लाइसेंस के लिए अपना आवेदन वापस ले लिया है। कंपनी का कहना है कि उसकी वित्तीय सेवाओं का वर्तमान मॉडल समूह की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बिजनेस की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है।
रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने टाटा संस को आवेदन वापस लेने की इजाजत दे दी है। कंपनी ने पहली जुलाई, 2013 को नए बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। टाटा संस के बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश से पांव खींच लेने के बाद अब नए निजी बैंकों के लाइसेंस पाने वाले दावेदारों की सूची में करीब दो दर्जन नाम बचे हैं। इनमें अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) और आदित्य बिड़ला समूह भी शामिल हैं।वेणुगोपाल धूत की अगुआई वाला वीडियोकॉन समूह पहले ही अपना आवेदन वापस लेने का एलान कर चुका है।
आरबीआइ के अनुसार टाटा संस ने बताया है कि वित्तीय सेवाओं का उसका मौजूदा तंत्र समूह की आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है। टाटा संस ने मंगलवार को ही लाइसेंस आवेदन वापस लेने संबंधी सूचना रिजर्व बैंक को भेजी थी। कंपनी का कहना है कि उसने गहन विचार-विमर्श के बाद ही बैंकिंग लाइसेंस की होड़ से पीछे हटने का फैसला किया है। इसी महीने की शुरुआत में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने उम्मीद जताई थी कि आरबीआइ जनवरी, 2014 में नए बैंकिंग लाइसेंसों के लिए कंपनियों के नाम छांट लेगा।
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