क्लेटन मुर्जेलो (मिड-डे) मुंबई। कुछ लोगों का मानना है कि इशांत शर्मा भाग्यशाली हैं कि उनको दक्षिण अफ्रीका जाने वाली भारत की वनडे और टेस्ट टीम में शामिल किया गया। जबकि कुछ का कहना है कि तेज गेंदबाजों की मददगार विकेट पर भारत को उनके छह साल के अंतरराष्ट्रीय अनुभव की जरूरत थी। वास्तविकता यह है कि इशांत को वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए टीम में नहीं रखा गया था। इससे पहले कैरेबियाई टीम के साथ खेली गई दो टेस्ट की सीरीज में भी उनको बाहर बैठना पड़ा था।
राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने रोशनारा क्लब की मददगार विकेट पर रणजी ट्रॉफी मैच में हरियाणा के खिलाफ उनके नौ विकेट झटकने के प्रदर्शन को गंभीरता से लिया। इस मैच में दिल्ली ने 105 रन से जीत दर्ज की और इशांत का दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए टीम में आने का रास्ता खुल गया। टीम से निकाले जाने से पहले उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे मैचों में दो विकेट के लिए 24 ओवर में 189 रन लुटाए थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज में उन्होंने सात विकेट लिए थे।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज फैनी डीविलियर्स इस बात से हैरान नहीं हैं कि आखिर क्यों इशांत विश्व रैंकिंग (टेस्ट में 31 और वनडे में 66) में ऊंचा स्थान हासिल नहीं कर सके। डीविलियर्स इसके लिए इशांत के व्यक्तित्व को जिम्मेदार ठहराते हैं। उन्होंने 2010-11 में भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे में मिड-डे से कहा था, 'सबसे पहले उसे अपने बाल कटाने चाहिए। वह मुझे खिलाड़ी नहीं लगता है।'
बुधवार को वह और ज्यादा मुखर थे। उन्होंने कहा, 'मैंने ऐसे कई खिलाड़ियों को देखा है, जो अपने बाहरी कारकों की वजह से शीर्ष स्तर पर नहीं पहुंच सके। कांबली (विनोद) इसका सबसे अच्छा उदाहरण है। अंगूठी, कान की बालियां, चेन वगैहरा। इन चीजों से उनका फोकस खत्म हो गया। छवि उनकी सबसे बड़ी समस्या थी। यह खेल बेहद समर्पण की मांग करता है। इशांत जैसी शख्सियत लोगों को कुछ सिखा नहीं सकतीं। ऐसे खिलाड़ी आमतौर पर अच्छे टीम मैन भी नहीं होते हैं। ऐसे खिलाड़ियों की वजह से टीम की छंवि खराब होती है। वह मेरे बच्चे के लिए भी अच्छा उदाहरण नहीं हो सकता। वह शायद अपना ही सबसे बड़ा दुश्मन है।'
डीविलियर्स चाहते हैं कि इशांत सामान्य रहकर अपनी प्रतिभा के साथ न्याय करें। उनके समर्थक और आलोचक यह कभी नहीं भूल पाएंगे कि उन्होंने 2007-08 के विवादित ऑस्ट्रेलियाई दौरे में रिकी पोंटिंग एंड कंपनी के खिलाफ कितनी शानदार गेंदबाजी की थी। उन्होंने कहा, 'इस समय आपकी छवि खेल से ज्यादा महत्वपूर्ण है। दुनिया के शीर्ष गेंदबाजों को देखिए, वे सामान्य लोग हैं। दुनिया के सर्वकालिक महान टेनिस खिलाड़ियों फेडरर, संप्रास को देखिए। इशांत ने 2010-11 के दक्षिण अफ्रीका दौरे में केपटाउन में तीसरे और अंतिम टेस्ट (2/77) में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। उनके पास अपने आलोचकों को गलत साबित करने के लिए इस बार बेहतर मौका है।
Source- Cricket News in Hindi
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