नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में एक और चक्रवाती तूफान का साया मंडरा रहा है। चक्रवाती तूफान 'लहर' आज दोपहर को आंध्र प्रदेश के तट से टकरा सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात मछलीपट्टनम से 650 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व और काकीनाडा से 600 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व की दूरी पर स्थित है। इससे पहले फेलिन तूफान के चलते आंध्र और ओडिशा को काफी नुकसान हुआ था।
वैज्ञानिक (चक्रवात चेतावनी) एम महापात्र के अनुसार, यह बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान है, जिसमें हवाएं 140-150 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही हैं।
बृहस्पतिवार को जब यह तूफान मछलीपट्टनम के निकट आंध्र प्रदेश के तट से टकराएगा तो इसकी रफ्तार बढ़कर 150-160 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। इससे पहले बुधवार शाम को आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में 45-55 किमी प्रति घंटा से हवाएं चलीं। देर रात में इनकी रफ्तार 65 किमी प्रति घंटा हो गई।
मौसम विभाग का कहना है कि तूफान के चलते 2 से 3 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं जो पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी, गुंटूर, कृष्णा और विशाखापट्टनम और यनम जिलों के निचले इलाकों को जलमग्न कर सकती हैं।
विशाखापट्टनम में समुद्र की लहरें 1 मीटर ऊंची होंगी। मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवाती तूफान लहर से कच्चे घरों को भारी नुकसान हो सकता है। साथ ही बिजली, दूरसंचार, रेल और सड़क यातायात भी प्रभावित हो सकते है।
मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह
मौसम विभाग के अधिकारियों ने मछुआरों को बृहस्पतिवार को समुद्र में न जाने की सलाह दी है। साथ ही समुद्र में गए मछुआरों से तटों की ओर लौटने को कहा गया है।
लोगों को निकाला गया
तटीय इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। साथ ही प्रदेश सरकार ने सेना को भी राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात किया है। इसके अलावा मेडिकल टीमें और एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमों को भी संभावित प्रभावित क्षेत्रों में लगाया गया है। साथ ही तटीय जिलों के कलेक्टरों ने शैक्षणिक संस्थानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद करने का आदेश दिया गया है।
क्या है चक्रवात
दरअसल समुद्री तूफान को चक्रवात कहा जाता है और इन्हें इनकी ताकत और बनावट के मुताबिक नाम दिया जाता है। मौसम विज्ञान में चक्रवात एक ऐसा बंद परिपत्र है जिसका तरल पदार्थ, पृथ्वी के समान एक ही दिशा में चक्कर लगाता रहता है। इसमें आमतौर पर हवा सर्पाकार आकार में, पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध में दक्षिणावर्त और दक्षिणी गोलार्द्ध में वामावर्त रूप से घूमती है। बड़े चक्रवात वाले परिसंचरण लगभग हमेशा कम वायुमंडलीय दबाव के क्षेत्रों पर केंद्रित रहते हैं।
खतरनाक तूफान
समुद्री तूफानों में सबसे खतरनाक हरिकेन को माना जाता है। हरिकेन ज्यादातर क्लॉक वाइज घूमते हैं और इनकी ताकत की कोई सीमा नहीं होती है। यानी हरिकेन के कहर का अंदाजा पहले से लगा पाना काफी मुश्किल होता है। इसकी रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर कुछ भी हो सकती है। कैटरीना और रीटा भी ताकतवर तूफान हैं। हाल फिलहाल में नरगिस को सबसे बड़ा तूफान माना जाता है। 2012 में आए इस तूफान के कहर में करीब 1 लाख लोग मारे गए थे।
प्रभाव
ऐसे चक्रवाती तूफानों में समुद्र बेकाबू हो जाता है। ऊंची से ऊंची उठती हैं जो आसपास के इलाकों को अपनी चपेट में लेकर सब कुछ तबाह कर डालती हैं। समुद्री तूफानों के बाद तटीय क्षेत्रों में 15 से 20 फीट तक पानी भर जाना आम बात है। समुद्री तूफानों की वजह से आने वाली बाढ़ बर्बादी की वजह बन जाती है और इनके कहर से मारे जाने वाले लोगों में आधे से ज्यादा बाढ़ में मारे जाते हैं।
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