जागरण ब्यूरो, लखनऊ। गन्ना पेराई सत्र शुरू होने की उम्मीद बुधवार को निजी चीनी मालिकों व मुख्य सचिव के बीच वार्ता बेनतीजा रहने से टूट गई। इससे साफ है कि मिलें अभी नहीं चलेंगी और टकराव और बढ़ेगा। मिल मालिकों व सरकार के रुख के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में आंदोलन छेड़ दिया है। मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बुलंदशहर, शामली, मुरादाबाद, बिजनौर और हापुड़ में भाकियू कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में घुसकर प्रदर्शन किया और धरना दिया। कई जिलों में जिला मुख्यालय में भैंस बांध दी गई हैं और अफसरों व पुलिसकर्मियों से धक्कामुक्की करके वहां पर धरना शुरू कर दिया गया है।
मिल मालिक सरकार से चीनी की बाजार कीमत और गन्ना मूल्य में संतुलन बनाए रखने को रंगराजन समिति रिपोर्ट या उस जैसी कानूनी व्यवस्था चाहते हैं। लखनऊ में बुधवार को सवा घंटे चली बैठक में मुख्य सचिव के अलावा प्रमुख सचिव गन्ना विकास व चीनी उद्योग राहुल भटनागर, सचिव मुख्यमंत्री शंभू सिंह यादव ने मिलों के वित्तीय घाटे की भरपाई को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
मुख्य सचिव का कहना था कि पेराई कार्य शुरू हो तो आगे अन्य मसलों पर सकारात्मक फैसले हो सकते हैं। प्रवेश कर और समिति कमीशन की छूट, बैंक गारंटी व विशेष पैकेज जैसी मांग के अलावा मिल मालिकों ने भुगतान के अंतर को समाप्त करने का स्थाई प्रावधान किए जाने पर जोर दिया।
सरकार चाहे तो मिल टेक ओवर कर लें :
मिल मालिकान का कहना था कि लगातार घाटा बढ़ने की व्यवस्था रोकी जाए तभी चीनी उद्योग बच सकता है। सरकार चाहे तो टेक ओवर करके स्वयं मिलों को चला ले। मौजूदा गन्ना मूल्य पर उनके द्वारा पेराई शुरू कराना संभव नहीं हो सकेगा।
पशुओं के साथ प्रदर्शन करेंगे किसान
भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर किसानों ने बुधवार को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। प्रवक्ता राकेश टिकैत ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने चीनी मिल संचालकों की मनमानी पर अंकुश नहीं लगाया तो किसान अपने पशुओं को साथ लेकर आंदोलन में उतरेंगे। सरकारी मूल्य 225 रुपये पर गन्ना बेचने के बजाय उसे खेतों में जलाने की घोषणा किसानों ने की है। भाजपा किसान मोर्चा का भी जिला गन्ना अधिकारियों व मिलों के गेट पर ताला डालो अभियान जारी रहा।
हाई कोर्ट ने मामले पर मांगा जवाब
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश में गन्ना खरीद, बंद चीनी मिलों को चलाने व किसानों को बकाया भुगतान कराने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर केंद्र व उप्र सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने राष्ट्रीय किसान मजदूर यूनियन की याचिका पर सरकारों से पूछा है कि सहकारी चीनी मिलों की क्या स्थिति है। चीनी मिलों को चालू करने के क्या उपाय किये गये। साथ ही किसानों के बकाया भुगतान की क्या स्थिति है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता की खंडपीठ ने दिया है।
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