मुंबई। बीमा नियामक इरडा देश के सभी अस्पतालों को यूनिक आइडेंटिटी नंबर उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है। नियामक ने यह कदम अस्पतालों की पहचान सुनिश्चित करने और विभिन्न तरह के इलाज पर ली जा रही फीस की जानकारी इकट्ठा करने की कवायद के तहत उठाया है।
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के चेयरमैन टीएस विजयन ने कहा कि हम हर अस्पताल को एक विशेष पहचान संख्या उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय प्रमाणन एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसमें इलाके का पिन कोड और अस्पताल का नाम शामिल होगा। नंबर उपलब्ध कराने की यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद हम अस्पतालों से विभिन्न तरह के इलाज के लिए मरीजों से ली जा रही फीस की जानकारी लेंगे।
उद्योग संगठन इंडियन मर्चेट चैंबर द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में विजयन ने कहा कि नियामक यह जानकारी स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के उपयोग के लिए जुटाना चाहता है। इससे कंपनियों को सही जानकारी मिल सकेगी कि किसी खास बीमारी के इलाज पर किसी एक अस्पताल में दूसरी अस्पताल की तुलना में कितनी ज्यादा या कम रकम खर्च होती है।
स्वास्थ्य बीमा उद्योग के लिए आंकड़ों की अनुपलब्धता के कारण कई बार बीमा कवर प्राप्त मरीजों से अस्पतालों द्वारा बड़ी रकम वसूले जाने के मामले सामने आते हैं। ज्यादातर मामलों में एक ही इलाज के लिए एक अस्पताल का बिल दूसरे अस्पताल से काफी अलग होता है। विजयन ने कहा कि इरडा के तहत काम करने वाली इंश्योरेंस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर उपलब्ध कराने के लिए आंकड़े जुटा रहा है। इन्फॉर्मेशन ब्यूरो के प्रमुख आर राघवन ने कहा कि अब तक 30,000 अस्पतालों के आंकड़े जुटाए जा चुके हैं। बीमा कंपनियों ने अस्पतालों की कीमतों पर निगरानी रखने के लिहाज से इरडा के इस कदम का स्वागत किया है।
Source- Business News in Hindi
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