ब्रुसेल्स, [दिलीप अवस्थी]। भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेल्जियम यात्रा को लेकर इस छोटे से देश में बृहस्पतिवार को विशेष उत्साह रहा। किंग फिलिप्स ने पैलेस में राष्ट्रपति का स्वागत किया। दोनों देशों के बीच शिक्षा के क्षेत्र में पांच आशय पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया हुआ है। समझौता समारोह में यह प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा। इस मौके पर बेल्जियम के प्रधानमंत्री एलियो डी रूपो भी मौजूद थे। ये समझौते शिक्षा के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स और आइटी को लेकर किए गए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय और हैदराबाद विश्वविद्यालय ने ये समझौते किए। प्रधानमंत्री के साथ द्वि-पक्षीय वार्ता में कई अन्य मुद्दों पर भी बात हुई।
वैसे भी बेल्जियम यूरोपीय देशों में भारत का नंबर दो का साझीदार है। यहां से हर वर्ष लगभग ढाई अरब यूरो (2115 अरब रुपये) का व्यापार होता है। इसमें ज्यादातर व्यापार हीरों का होता है, लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं। पिछले कुछ वर्षो में बेल्जियम की लगभग 160 कंपनियां भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यरत हैं। इसी तरह भारत की 80 कंपनियां बेल्जियम में काम कर रही हैं।
जल्द ही बेल्जियम का तीन सौ कंपनियों के प्रतिनिधियों वाला प्रतिनिधिमंडल भारत के दौरे पर आएगा और आपसी सहयोग बढ़ाने पर विचार करेगा। बृहस्पतिवार को हुई वार्ता के दौर में बेल्जियम ने भारत के तीन रेलवे स्टेशनों, जिनमें मुंबई का सीएसटी (छत्रपति शिवाजी टर्मिनस) शामिल है, के पुनर्निर्माण करने पर सहमति जताई। मीडिया को संबोधित करते हुए यहां भारतीय दूतावास के राजदूत दिनकर खुल्लर ने कहा की राष्ट्रपति के इस दौरे से दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ता मिली है। शुक्रवार को राष्ट्रपति चार माह चलने वाले यूरोआलिया महोत्सव का शुभारंभ करेंगे। इस महोत्सव में भारत अपने अलग-अलग हुनरों को पेश करेगा। बेल्जियम में करीब 15,000 भारतीय हैं जिनमें ज्यादातर उच्च-शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यूरोप की राजधानी बनता जा रहा ब्रुसेल्स वैसे तो एक शांत शहर हैं, जहां बियर और चॉकलेट की दुकानें हर तरफ मिल जाएंगी।
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