नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोकसभा चुनाव के सेमीफाइनल का बिगुल बज गया है। दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम की कुल 630 विधानसभा सीटों के लिए 11 नवंबर से 4 दिसंबर तक चुनाव होंगे। लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले इन आखिरी विधानसभा चुनावों में करीब 11 करोड़ मतदाता अपना फैसला सुनाएंगे। पांच में फिलहाल तीन राज्य दिल्ली, मिजोरम और राजस्थान कांग्रेस के पास है, वहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पिछले एक दशक से भाजपा के अभेद्य दुर्ग बने हुए हैं। खास बात है कि इन पांचों राज्यों में लोकसभा की 73 सीटें हैं। पांचों राज्यों के चुनाव नतीजे एक साथ 8 दिसंबर को आएंगे। इसके साथ ही तय होगा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा में कौन मनोवैज्ञानिक बढ़त के साथ मैदान में उतरेगी।
शुक्रवार को औपचारिक रूप से विधानसभा चुनावों के एलान के साथ ही पांचों राज्यों में आचार संहिता भी लागू हो गई। नक्सली हिंसा से प्रभावित छत्तीसगढ़ में सुरक्षा के लिहाज से मतदान दो चरणों में होंगे। बाकी के राज्यों में एक ही चरण में चुनाव होंगे। इन सभी राज्यों के विधानसभा का कार्यकाल 12 दिसंबर से 4 जनवरी के बीच खत्म हो रहा है। लिहाजा नतीजों की घोषणा उससे पहले ही एक साथ 8 दिसंबर को होगी। यूं तो घोषणा विधानसभा चुनाव की हुई है, लेकिन राजनीतिक महत्व इसलिए ज्यादा है क्योंकि अगले साल की पहली तिमाही में ही लोकसभा चुनाव की घोषणा होगी।
मिजोरम को छोड़ दें तो बाकी के राज्य न सिर्फ हिंदी भाषी हैं बल्कि वहां लड़ाई आमने-सामने की है। संप्रग और राजग का नेतृत्व कर रही कांग्रेस और भाजपा ही इन चारों राज्यों में मुख्य दल और सत्ता के दावेदार हैं।
मिजोरम में कांग्रेस के सामने कोई बड़ा दावेदार नहीं है। ऐसे में खासकर चार राज्यों के विधानसभा चुनाव को लोकसभा के लिए सेमीफाइनल की तरह देखा जा रहा है। लोकसभा के लिहाज से हालांकि इन पांच राज्यों में छह दर्जन सीटें हैं लेकिन कांग्रेस और भाजपा के लिए ये सीटें महत्वपूर्ण हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने शुक्रवार को विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा की। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के अनुसार इसी चुनाव से वोटरों के पास सभी उम्मीदवारों को नापसंद करने का अधिकार होगा। इवीएम में 'इनमें से कोई नहीं' का बटन होगा। वोटरों को मतदान और प्रक्रिया के बारे में जागरूक करने के लिए पहली बार 'जागरूकता आब्जर्वर' की नियुक्ति होगी। संपत ने कहा कि आयोग चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा लोग चुनाव में हिस्सा लें। आयोग के कर्मचारी वोटरों को फोटो वोटर स्लिप घर तक देकर आएंगे। सुरक्षा, निष्पक्षता, खर्च सीमा आदि पर निगरानी के लिए अलग-अलग आब्जर्वर नियुक्त होंगे। वहीं उम्मीदवारों के लिए नामांकन पत्र में हर कालम भरना जरूरी होगा। अगर वह कोई कालम खाली छोड़ते हैं तो नामांकन रद हो सकता है।
चुनाव आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार मध्यप्रदेश में 25 नवंबर को, राजस्थान में 1 दिसंबर को, दिल्ली एवं मिजोरम में 4 दिसंबर को मतदान होंगे। वहीं छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण का मतदान 11 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 19 नवंबर को होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने मतगणना कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसढ़ में पहले चरण के लिए नोटिफिकेशन 18 अक्टूबर को जारी किया जाएगा। नामांकन भरने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर, उम्मीदवारों के नामों की छंटनी 26 अक्टूबर और नामांकन वापस 28 अक्टूबर तक वापस लिए जा सकेंगे। वहीं दूसरे चरण का नोटिफिकेशन 25 अक्टूबर को, नामांकन भरने की अंतिम तिथि 1 नवंबर, उम्मीदवारों के नामों की छंटनी 2 नवंबर, नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 4 नवंबर होगी।
मध्यप्रदेश में चुनाव के लिए नोटिफिकेशन 1 नवंबर को, नामांकन भरने की अंतिम तिथि 8 नवंबर, उम्मीदवारों के नामों की छंटनी 9 नवंबर, नामांकन वापस लेनी की अंतिम तिथि 11 नवंबर होगी।
राजस्थान में चुनाव के लिए नोटिफिकेशन 5 नवंबर को, नामांकन भरने की अंतिम तिथि 12 नवंबर, उम्मीदवारों के नामों की छंटनी 14 नवंबर, नामांकन वापस लेनी की अंतिम तिथि 16 नवंबर होगी।
दिल्ली और मिजोरम में चुनाव के लिए नोटिफिकेशन 9 नवंबर को, नामांकन भरने की अंतिम तिथि 16 नवंबर, उम्मीदवारों के नामों की छंटनी 18 नवंबर, नामांकन वापस लेनी की अंतिम तिथि 20 नवंबर होगी।
Source: News in Hindi
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