Monday, 25 November 2013

Protest Against Government in Bangkok

Thailand
बैंकॉक। थाइलैंड में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों द्वारा वित्त और विदेश मंत्रालय में धावा बोलने के बाद प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा ने सोमवार को राजधानी में आपातकाल की घोषणा कर दी। 2010 के बाद इसे अब तक का यह सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन माना जा रहा है। 1932 में थाइलैंड के लोकतांत्रिक राष्ट्र बनने के बाद से देश में 18 बार तख्तापलट कर चुकी सेना हर गतिविधि पर नजर गड़ाए है।

प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि शिनावात्रा अपने भाई एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई है। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते ही 2006 में सेना ने तख्तापलट करते हुए थाकसिन को प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया था। बाद में भ्रष्टाचार में उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी। फिलहाल थाकसिन आत्म-निर्वासन में देश से बाहर हैं, लेकिन अपनी बहन की सरकार में खासा दखल रखते हैं।

इसी बात से खफा थाइलैंड की जनता विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी की अगुआई में सोमवार को सड़कों पर उतर आई। करीब 1000 प्रदर्शनकारी वित्त एवं विदेश मंत्रालय समेत छह अन्य सरकारी इमारतों में दाखिल हो गए। ये लोग सीटियां बजाते और हो-हल्ला मचाते हुए पहली मंजिल के कमरों में घुसे। इसके बाद यहां चटाई बिछाकर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि थाकसिन के शासन के खिलाफ उनका मंत्रालयों पर कब्जा प्रतीकात्मक है। प्रदर्शनकारियों के रुख को देखते हुए मंत्रालय का स्टाफ वहां से भाग खड़ा हुआ। प्रदर्शनकारियों ने इन इमारतों की बिजली और पानी की आपूर्ति भी रोक दी है। मंगलवार को सभी मंत्रालयों के घेराव का ऐलान किया है।

विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी के नेता व देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री सुदेप थाग्सबान ने प्रदर्शनकारियों से रात भर वित्त मंत्रालय में बने रहने को कहा। थाग्सबान ने कहा, 'हमारा एकमात्र मकसद देश को थाकसिन के शासन से मुक्ति दिलाना है।'

सरकार प्रदर्शनकारियों के दबाव में आती दिख रही है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार कानून का पालन करेगी, लेकिन जनता के खिलाफ सख्ती नहीं की जाएगी। प्रदर्शनकारियों से कानून हाथ में न लेने का आग्रह करते हुए यिंगलक ने कहा कि समूचे राजधानी क्षेत्र में आंतरिक सुरक्षा कानून लागू कर दिया गया है। 

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