नई दिल्ली। तहलका के मुख्य संपादक तरुण तेजपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार ने पत्रिका से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, आरोपी तेजपाल ने अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इस बीच, गोवा पुलिस को पीड़िता से संपर्क साधने में सफलता मिल गई है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक बार फिर मुंबई पुलिस से पीड़ित पत्रकार की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। तहलका में भी आहत पत्रकारों के इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू हो गया है। भारतीय पत्रकार संघ ने पत्रिका प्रबंधन के रवैये पर नाराजगी जताई है।
पीड़ित पत्रकार ने बताया कि उन्होंने हर तरह के दबाव से मुक्त रहने के लिए शनिवार को तहलका से इस्तीफा दे दिया है। पत्रिका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी ने बताया कि उन्हें पीड़िता का इस्तीफा मिल गया है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही सिलसिलेवार तरीके से लिखित में घटना पर बयान देंगी। मामले को लेकर तहलका प्रबंधन के रवैये से क्षुब्ध सलाहकार संपादक जय मजूमदार और सह-संपादक रेवती लाल ने पहले ही इस्तीफा दे दिया है। इनके अलावा साहित्य संपादक सौगत दासगुप्ता के भी इस्तीफा देने की सूचना है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिन में कई अन्य पत्रकार भी तहलका से इस्तीफा दे देंगे। पणजी में गोवा पुलिस के पुलिस उप-महानिरीक्षक ओपी मिश्रा ने बताया कि जांच अधिकारियों ने पीड़िता से बात की है। हालांकि, उन्होंने पीड़िता की निजता की सुरक्षा का हवाला देकर ज्यादा जानकारी देने से इन्कार कर दिया।
गिरफ्तारी से बचने के लिए सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में दायर तेजपाल की अग्रिम जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी। उन्होंने गोवा की अदालत में पेश होने के लिए ट्रांजिट जमानत की भी मांग की है। तेजपाल को डर है कि गोवा की अदालत में जाते वक्त उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। तेजपाल ने वकील संदीप कपूर के जरिये हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी की अदालत में याचिका दायर कर ट्रांजिट जमानत की अपील की है। सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधती रॉय ने मामले पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पहले तरुण तेजपाल ने ई-मेल में खुद ही अपराध को स्वीकार किया। अब जब मामला पुलिस के पास चला गया है, तो वह पीड़िता को ही झूठा बताने के साथ ही हिंदूवादी संगठन का एजेंट बता रहे हैं।
भारतीय पत्रकार संघ के अध्यक्ष एसएन सिन्हा और महासचिव डी. अमर के मुताबिक, शोमा चौधरी पीड़िता की मदद के बजाय अपने संपादक को बचाने की कोशिश करती हुई नजर आ रही हैं। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने सहमति से संबंध बनने की दलील पर तरुण तेजपाल को लताड़ा है। उन्होंने कहा कि तेजपाल ने खुद को छह महीने तक पद से हटाकर घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार कर ली है।
शोमा पर लगाए चरित्र हनन के आरोप
पीड़ित पत्रकार ने तहलका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी को भेजे इस्तीफे में चरित्र हनन के साथ ही धमकाने के आरोप भी लगाए हैं। पीड़िता ने शोमा को लिखा, 'एक अपराध का शिकार बनने के बाद मैं उस समय अवाक रह गई, जब तहलका के मुख्य संपादक तरुण तेजपाल और प्रबंध संपादक के तौर पर आपने मेरे चरित्र पर अंगुली उठाने के साथ ही मुझे धमकी दी।
मुझे सुरक्षा देने में सिर्फ तेजपाल ही नाकाम नहीं रहे, बल्कि तहलका महिलाओं, कर्मचारियों, पत्रकारों और महिलावादियों को सामूहिक तौर पर सुरक्षा देने में असफल हुआ है। लिहाजा, मेरे इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार किया जाए।'
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