Tuesday 24 September 2013

Business News in Hindi: Nifty:sensex end up with 363 point lose


sensex

मुंबई। शुक्रवार को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी से शेयर बाजार उबर नहीं पा रहा है। आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन के महंगाई पर फोकस करने की घोषणा से बाजार को आगे भी ब्याज दरों में वृद्धि की आशंका है। इसके चलते लगातार दूसरे सत्र में भी दलाल स्ट्रीट गिरावट की शिकार हुई। बिकवाली दबाव में सोमवार को बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 362.65 अंक का गोता लगा 20 हजार अंक के नीचे आ गया। इस दिन यह 19900.96 अंक पर बंद हुआ। पिछले सत्र में शुक्रवार को भी इसमें 383 अंक की कमजोरी दर्ज की गई थी।

इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 122.35 लुढ़ककर 5889.75 अंक पर बंद हुआ। शुक्रवार को यह 103 अंक गिरा था। वहीं, एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक एसएक्स40 इस दिन 206.17 अंक टूटकर 11820.24 अंक पर आ गया।

रघुराम राजन ने अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा में उम्मीद के विपरीत रेपो रेट एक चौथाई फीसद बढ़ाकर 7.5 फीसद कर दिया है। बाजार को आशंका है फिर से बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिए आरबीआइ आगे भी इसी तरह के कदम उठा सकता है। इस आशंका से निवेशकों की मनोदशा प्रभावित हुई। बैंकिंग और रीयल्टी शेयरों की अगुवाई में वे बिकवाली पर उतारू हो गए। 

30 शेयरों वाला सेंसेक्स सोमवार सुबह कमजोरी के साथ 20060.82 अंक पर खुला। नीचे में यह 19826.30 अंक और ऊंचे में 20199.81 अंक तक गया। इस दिन बिकवाली की सबसे ज्यादा मार बैंकिंग, रीयल्टी, कैपिटल गुड्स, पीएसयू और ऊर्जा शेयरों पर पड़ी। बाजार में बिकवाली का आलम यह रहा कि कंज्यूमर ड्यूरेबल, आइटी और तकनीकी सूचकांकों को छोड़कर बाकी सभी क्षेत्रीय सूचकांक गिरावट पर रहे। सेंसेक्स की 30 में से 22 कंपनियों के शेयर नुकसान पर और आठ के फायदे में बंद हुए।

रुपया भी कमजोर
ब्याज दरें बढ़ने की आशंका मुद्रा बाजार पर भी हावी रही। सोमवार को अंतर बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 37 पैसे कमजोर होकर 62.61 पर आ गया। पिछले सत्र में एक डॉलर की कीमत 62.24 रुपये रही थी।

सोमवार सुबह भारतीय मुद्रा कमजोरी के साथ 62.55 रुपये पर खुला। दिन के कारोबार के दौरान 62.73 रुपये तक लुढ़कने के बाद बाजार बंद होते समय इसमें कुछ सुधार आया। जानकारों का कहना है कि डॉलर के मुकाबले अन्य सभी एशियाई मुद्राओं में कमजोरी का रुख बना हुआ है। इसका भी असर रुपये पर देखा जा रहा है।

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