Wednesday 25 September 2013

News in Hindi: Modi and advani taking part in BJP rally in bhopal


Narendra Modi

भोपाल। भाजपा के 'महाकुंभ' में पार्टी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी और लालकृष्ण आडवाणी ने मंच तो साझा किया, लेकिन दोनों एक-दूसरे से कटे नजर आ रहे हैं। मोदी और आडवाणी ने साथ बैठने से भी परहेज किया और दोनों के बीच में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह बैठे हुए दिखाई दिए। अब सभी को इस बात का इंतजार है कि हर बार की तरह आडवाणी मोदी की बजाय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ही तारीफ करते हैं या मोदी की पीठ थपथपाकर बड़ा दिल दिखाते हैं।

भाजपा ने दावा किया कि इस रैली में पांच लाख लोग पहुंचे हैं। नरेंद्र मोदी के पक्ष में पूरा परिवार एकजुट है और दिल्ली फतेह को तैयार है, इसका संदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन पर भाजपा पूरी ताकत के साथ देगी।

नरेंद्र मोदी को भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री घोषित करने के बाद अब भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और संघ परिवार की पूरी कोशिश है कि कहीं भी टकराव या दरार के संकेत न जाएं। एकजुटता का संदेश देने के लिए सोच-समझकर दिन और जगह तय की गई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में नंबर दो यानी सरकार्यवाह सुरेश (भैय्या जी) जोशी भोपाल में कई दिन से डेरा डाले हैं। संघ की राजनीतिक शाखा को पोसने वाले दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर सभी भाजपा दिग्गजों को एकजुट करने के संदेश है। 

नरेंद्र मोदी के सामने शिवराज चौहान को खड़ा करने की कोशिशें भी थीं। मगर अब शिवराज अपने गढ़ में भी मोदी को नेता के रूप में पेश कर सारी शंकाओं का समाधान कर देंगे। नाराज आडवाणी पहले ही मोदी का गुणगान कर चुके हैं। अब यहां उनके पीएम प्रत्याशी बनने के बाद पहली बार मंच साझा कर रहे-सहे सवाल भी खत्म कर दिए जाएंगे। इसके अलावा शिवराज सिंह और उनकी विरोधी मानी जाने वाली उमा भारती भी वहीं हैं। 

इसके अलावा लोकसभा व राज्यसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और अरुण जेटली, पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी और अनंत कुमार समेत अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद हैं। परसों तक साढे़ चार लाख टिकट इस रैली के लिए बिक चुके थे। यहां की रैली के बाद मोदी रात को भोपाल में ही रुकेंगे और दूसरे दिन 26 सितंबर को तमिलनाडु के त्रिची में मोदी की बड़ी रैली होगी। इस रैली के करीब 1.70 लाख टिकट बेचे जा चुके हैं। पहले यह पार्टी की एक छोटी सभा की योजना थी, लेकिन माहौल बनता देख इसे विशाल रैली में तब्दील कर दिया गया। इसके बाद दिल्ली के रोहिणी इलाके में 29 सितंबर को बड़ी रैली की जाएगी। इसके लिए भी तैयारियां अपने चरम पर हैं।

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