जागरण संवाद केंद्र, यमुनानगर। हरियाणा के यमुनानगर के साढौरा गांव की एक किशोरी अपने गुरु के किए कुकृत्य की सजा भुगत रही है। जिस समय वह नौवीं कक्षा की छात्र थी, उस समय उसके गुरु ने अपने साथी के साथ मिलकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। खुलासे के वक्त किशोरी पांच माह गर्भ से थी। दुष्कर्म की शिकार छात्रा ने तीन दिन पूर्व सरकारी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया।
दुनिया में आए इस नवजात बच्चे को अब अपनी पहचान के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। फिलहाल पुलिस ने बच्चे के पिता का नाम पता लगाने के लिए डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया है। मासूम छात्रा को उस गुनाह की सजा मिल रही है, जो उसने किया ही नहीं है। सजा भी ऐसी मिली है किसी को बता नहीं सकती। फिलहाल बच्चे को पालने की प्लानिंग बाल कल्याण अधिकारी कर रहीं हैं।
गौरतलब है कि साढौरा कस्बे की रहने वाली नौवीं कक्षा की छात्रा को उसी को पढ़ाने वाले अध्यापक जसविंद्र सिंह ने अपने जाल में उसे फंसा लिया था। मासूम तो नासमझ थी। लेकिन मासूम के साथ के गुरु ने अपने साथी के साथ दुष्कर्म किया था। किशोरी निजी स्कूल की छात्रा थी। उसके शिक्षक ने उसे ऐसा सिला दिया कि वह जीते जी ही मर गई। अपनी मां के साथ रहती है। उस समय इस बात से अनजान थी कि जो उसके साथ हुआ उसका परिणाम भयंकर होगा।
जांच अधिकारी रोशन लाल का कहना है कि जब इस मामले का पता लगा तो उस समय काफी देर हो चुकी थी। आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली थी। कोर्ट ने मामले में चिकित्सकों की राय लेने की बात कही थी, लेकिन पांच माह ऊपर होने के कारण डाक्टरों ने मना मना कर दिया। चुपचाप डाक्टरों ने लड़की की डिलीवरी कराई। उसने लड़के को जन्म दिया। पुलिस फिर हरकत में आ गई। पूरे मामले में बाल कल्याण अधिकारी नजर बनाए रखी थी।
लड़की द्वारा बच्चे को जन्म देने के बाद इस पूरे मामले में प्रशासन नजर बनाए रखे हुए था। बच्चे को लेकर चिंतित भी है। लड़की के पिता के मासूम को अपने रिश्तेदार को देने की बात कह रहे हैं। अगर बच्चे को रिश्तेदार के यहां नहीं दिया तो बच्चे को कब्जे में लेंगे।
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