Friday, 1 November 2013

Court crossing 'lakshman rekha' by taking upon exe functions: Ramesh

Union Minister
कन्नूर। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से तिलमिलाए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने अदालतों के लक्ष्मण रेखा लांघने को खतरनाक चलन बताया है। गुरुवार को शीर्ष अदालत ने एक फैसले में कहा था कि नौकरशाहों को राजनीतिक आकाओं के मौखिक आदेशों पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। शुक्रवार को जयराम ने कहा कि अदालतों का अपनी सीमाएं पार करते हुए अफसरों और सरकार के काम को अपने हाथ में ले लेना ठीक नहीं है।
केरल के कन्नूर में आयोजित 'मीट द प्रेस' कार्यक्रम में जयराम ने कहा कि यह फैसला नहीं है। यह सुप्रीम कोर्ट का मौखिक आदेश है। इस सब के लिए केंद्र सरकार का सिविल सेवा स्थापना बोर्ड पहले से ही मौजूद है। अफसरों के समूहों को सेवानिवृत्ति के बाद अचानक मिलने वाले ज्ञान के कारण देश को इस तरह के और भी फैसले सुनने को मिलेंगे। उन्होंने कहा, 'यह देश में सेवानिवृत्त अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा प्रचारित किया जा रहा खतरनाक चलन है।' 

उन्होंने शीर्ष अदालत पर तीखा हमला करते हुए कहा, 'सुप्रीम कोर्ट देश में लोकतंत्र और खुला माहौल चाहता है, लेकिन जब जजों की नियुक्ति की बारी आती है, तो सब कुछ ताक पर रख दिया जाता है।' राजनीतिक आकाओं द्वारा नौकरशाही के अपमान पर सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग करने के लिए याचिका दायर करने वाले अफसरों पर सख्त रुख अपनाते हुए उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा बड़ी संख्या में जनहित याचिकाएं दाखिल की जा रही हैं, जबकि इन्हीं अफसरों ने अपने कार्यकाल में अपने राजनीतिक आकाओं की बहुत अच्छे से सेवा की थी। अब रिटायरमेंट के बाद अचानक उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ कि सभी नेता पागल हैं।
कन्नूर में अब कोई भूमिहीन नहीं

नई दिल्ली। कन्नूर देश का ऐसा पहला जिला बन गया है, जिसमें अब कोई परिवार भूमिहीन नहीं है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने दावा किया कि हर गरीब परिवार के पास घर बनाने के लिए कम से कम तीन सेंट (करीब 120 वर्गमीटर) जमीन जरूर होगी। यह ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने सभी राज्यों से केरल में भूमि वितरण के उदाहरण से सीख लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि ऐसे फैसलों के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और कड़े निर्णय की जरूरत पड़ती है।

'सात साल पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस सुधार को लेकर एक आदेश दिया था। वह आदेश भी कुछ ऐसा ही था। अपने आप से पूछिए कि क्या उन आदेशों का राज्यों में पालन हुआ?'
-जयराम रमेश, ग्रामीण विकास मंत्री

Source- News in Hindi

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