पटना [जासं]। भले ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में छात्राओं पर ब्वॉयज हास्टल जाने की पाबंदी नहीं हो, पर बीआइटी-पटना में इस बात की मनाही है। संस्थान में यह हरकत घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। यही कारण है कि 24 नवंबर की शाम आर्किटेक्चर विभाग की दो छात्राओं के ब्वॉयज हास्टल (संख्या 3) की छत पर दो सहपाठी लड़कों (आर्किटेक्चर विभाग) के साथ बातचीत करते पाए जाने पर संस्थान प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है।
चारों छात्र-छात्राओं के माता-पिता को बुलाया गया व बच्चों को घर ले जाने को कहा गया। सभी छात्र अपने घर चले गए हैं। इसमें कुछ छात्र दूसरे राज्यों के हैं। इन छात्रों ने वर्ष 2012 में संस्थान में एडमिशन लिया था। मालूम हो कि बीआइटी पटना में छात्र-छात्राओं को एक-दूसरे के हास्टल में जाने की मनाही है। घटना की जांच के लिए उच्चस्तरीय दस सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है। कमेटी की अध्यक्षता डा. एके चटर्जी करेंगे। अन्य सदस्यों में प्रो. केपी सिंह, डा. एके सिंह, डा. के शर्मा, डा. एन सोरेन, छाया यादव, डा. रजनीश कुमार, श्रीधर कुमार, अनामिका नंदन व तृषा कुमार शामिल हैं।
जब इस घटना के बारे में संस्थान के एक शिक्षक से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि छात्र आपस में बातचीत कर रहे थे। वे किसी भी तरह आपत्तिजनक स्थिति में नहीं थे। एक छात्र ने भी इस बात की पुष्टि की। वहीं, संस्थान के निदेशक डा. एसएल गुप्ता ने इस घटना व अनुशासनिक कार्रवाई के बारे में पुष्टि की है।
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